चंडीगढ़ प्रेस क्लब मेंआयोजित कैंसर जागरूकता सत्र में 50 से अधिक महिला पत्रकारों ने भाग लिया

चंडीगढ़ प्रेस क्लब में फोर्टिस मोहाली द्वारा आयोजित कैंसर जागरूकता सत्र में 50 से अधिक महिला पत्रकारों ने भाग लिया

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 19जनवरी

फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली ने चंडीगढ़ प्रेस क्लब, सेक्टर 27 के सहयोग से आज क्लब परिसर में 50 से अधिक महिला सदस्यों के लिए स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर जागरूकता पर एक विशेष सत्र आयोजित किया। यह सत्र जनवरी में सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह और आगामी 4 फरवरी 2024 को विश्व कैंसर दिवस के मद्देनजर आयोजित किया गया था।

कार्यशाला का संचालन डॉ. नवल बंसल, कंसल्टेंट एंडोक्राइन और ब्रैस्ट सर्जन, फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली और डॉ. श्वेता तहलान, कंसल्टेंट गायनिक ऑन्कोलॉजिस्ट और रोबोटिक सर्जन फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली द्वारा किया गया। प्रतिभागियों को निःशुल्क हेल्थ चेक-अप वाउचर भी दिए गए।

डॉ. नवल बंसल, ब्रैस्ट एवं एंडोक्राइन कैंसर सर्जन, फोर्टिस अस्पताल, मोहाली ने सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, “स्तन कैंसर महिलाओं को प्रभावित करने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है और दुनिया भर में कई लोगों की जान ले लेता है। शीघ्र पता लगाना और सर्वोत्तम उपचार इलाज की कुंजी है। ब्रैस्ट कैंसर देखभाल का उपचार समय के साथ विकसित और अधिक सटीक हो गया है। ब्रैस्ट कैंसर के रोगियों का ऑपरेशन करते समय “लेस्स इज मोर” यह नया दृष्टिकोण है। पहले यह सोचा जाता था कि पूर्ण ब्रैस्ट हटाने से ब्रैस्ट बचाने वाली सर्जरी की तुलना में अतिरिक्त उत्तरजीविता लाभ मिलता है, लेकिन आज के युग में यह सच नहीं है; सटीक और पर्सनलाइज्ड सर्जरी अब स्टैडर्ड ट्रीटमेंट विकल्प हैं।”

डॉ. नवल ने पुनर्निर्माण और सेंटिनल लिम्फ नोड बायोप्सी के साथ ब्रैस्ट सुरक्षा की सबसे एडवांस सर्जिकल तकनीकों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने हाल ही में फोर्टिस मोहाली में 21 वर्षीय ब्रैस्ट कैंसर रोगी का इलाज किया था।

डॉ. श्वेता तहलान, कंसल्टेंट गायनिक ऑन्कोलॉजिस्ट और रोबोटिक सर्जन फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली ने अपने संबोधन में कहा, “स्त्री रोग संबंधी कैंसर में गर्भाशय, सर्विक्स, ओवरीज, वल्वा और वर्जीना के कैंसर शामिल हैं। समाज में कैंसर के बारे में जागरूकता पैदा करने से इन कैंसरों का शीघ्र पता लगाने में मदद मिल सकती है, जिससे बेहतर उपचार और बेहतर जीवन रक्षा में मदद मिलती है। लक्षणों में असामान्य योनि से रक्तस्राव (पोस्टकोटल, पोस्टमेनोपॉज़ल, इंटरमेंस्ट्रुअल), अनियमित मासिक धर्म, दुर्गंधयुक्त या खून से सना हुआ योनि स्राव, पैल्विक दर्द, मूत्र या आंत्र लक्षण, पेट में फैलाव या पेट में तरल पदार्थ, पेट में गांठ, वजन में कमी या भूख लगना, गुप्तांगों में गांठ या अल्सर होना शामिल है।“

डॉ. तहलान ने आगे कहा, “स्क्रीनिंग टेस्ट (पैप स्मीयर, एचपीवी टेस्ट) सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम और शीघ्र पता लगाने में मदद करते हैं और 25 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाओं के लिए इसकी सिफारिश की जाती है और इसे नियमित अंतराल पर किया जाना चाहिए। एचपीवी टीकाकरण सर्वाइकल कैंसर से बचाता है।” कैंसर और इसे 9 से 14 वर्ष की आयु की किशोरियों को देने की सिफारिश की जाती है, लेकिन 26 वर्ष तक की युवा महिलाओं को भी दी जा सकती है। एचपीवी टीका सुरक्षित और प्रभावी है। महिलाओं जागरूक रहना, नियमित जांच करवाना और अपने लक्षणों के बारे में खुलकर संवाद करना आवश्यक है। याद रखें, जल्दी पता लगने से जान बचाई जा सकती है।