पंचांग, 18 जनवरी 2024
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 18 जनवरी 2024
नोटः आज श्री दुर्गाष्टमी व्रत है। तथा महारूद्र व्रत है।
रुद्र का प्रयोग शिव के नाम के रूप में और सामूहिक रूप से (‘रुद्र’) मरुतों के नाम के रूप में किया जाता है। मरुत वायुमंडल से जुड़े ‘तूफान देवता’ हैं। महारुद्र अभिषेक भगवान शिव की सबसे शक्तिशाली पूजाओं में से एक है। कैवल्योपनिषद कहता है: नमक चमक मंत्रों द्वारा व्यक्ति बिना किसी डर और निश्चितता के साथ भगवान शिव के निवास में प्रवेश करता है।
माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूजा-व्रत करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन पूजा-व्रत करने से व्यक्ति को मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और धन में बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा किसी भी काम में बाधा नहीं आती है।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः पौष,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः अष्टमी रात्रि काल 08.45 तक है,
वारः गुरूवार।
नोटः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः अश्विनी रात्रि काल 02.58 तक है,
योगः सिद्धि दोपहर काल 02.48 तक,
करणः विष्टि,
सूर्य राशिः मकर, चन्द्र राशिः मेष,
राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,
सूर्योदयः 07.19, सूर्यास्तः 05.44 बजे।