पंचकूला में अत्याधुनिक स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सेंटर लॉन्च हुआ
डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला, 11 जनवरी
अल्केमिस्ट हॉस्पिटल्स लिमिटेड की यूनिट ओजस हॉस्पिटल, पंचकूला ने आज अत्याधुनिक स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सेंटर लॉन्च किया । इस अवसर के दौरान, एक पेशेंट इनफार्मेशन बुकलेट ‘पोस्ट-ऑपरेटिव फिजियोथेरेपी रेजिमेन’ भी रिलीज की गई ।
ओजस हॉस्पिटल में ज्वाइंट रिप्लेसमेंट एवं स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ सुरेश सिंगला ने बताया कि स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर में खेल से संबंधित चोटों वाले एथलीटों और व्यक्तियों को विश्वस्तरीय इलाज प्रदान किया जाएगा। इस सेंटर में अत्याधुनिक सुविधाएं और कुशल स्पोर्ट्स इंजरी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम उपलब्ध हैं।
सेंटर की मुख्य विशेषताएं के बारे में डॉ सुरेश सिंगला ने बताया कि खेल की स्पोर्ट्स इंजरी और तुरंत आकलन सुनिश्चित करने, समय पर और प्रभावी उपचार योजनाओं को सक्षम करने के लिए सेंटर में नवीनतम डायग्नोस्टिक टूल का उपयोग होगा । सेंटर स्पोर्ट्स इंजरी के उपचार में सटीकता और प्रभावकारिता प्रदान करने के लिए डिजाइन किए गए नवीन सर्जिकल उपकरणों और बुनियादी ढांचे से लैस है। इसमें आर्थोस्कोपिक सर्जरी, संयुक्त संरक्षण तकनीक और व्यक्तिगत पुनर्वास कार्यक्रम शामिल हैं, जो हमारे रोगियों के लिए खेल और सामान्य जीवन में तेजी से वापसी सुनिश्चित करने के लिए तैयार किए गए हैं।
डॉ सुरेश सिंगला ने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य स्पोर्ट्स इंजरी प्रबंधन के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण का उपयोग करके एथलीटों को विशेष देखभाल प्रदान करना है।
कंसल्टेंट जॉइंट रिप्लेसमेंट और आर्थ्रोस्कोपिक सर्जन नवदीप गुप्ता ने कहा कि सेंटर एथलीटों की सुरक्षित और खेल में कुशल वापसी की सुविधा के लिए डिजाइन किए गए विशेष रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि वार्म-अप और स्ट्रेचिंग की भूमिका किसी भी संपर्क खेल या टीम खेल में शामिल होने से पहले शरीर को कंडीशनिंग करने वाली उचित तकनीक के उपयोग पर जोर दिया।कंसल्टेंट ज्वाइंट रिप्लेसमेंट और आर्थ्रोस्कोपिक सर्जन डॉ अनमोल शर्मा ने कहा कि लिगामेंट और टेंडन की चोटें जिन्हे हम स्पोर्ट्स इंजरी कहते हैं, स्पोर्ट्स के दौरान ना होकर हमारे दैनिक जीवन में भी हो सकती हैं, जैसे सीढ़ियों से गिरना, गीले फर्श पर फिसलना और छोटी दुर्घटना । ऐसी स्थितियों में और स्पोर्ट्स इंजरी में चिकित्सा देखभाल में देरी से दीर्घकालिक असुविधा हो सकती है, चोट से पहले के स्तर पर खेल में लौटने में बाधा आ सकती है और कुछ मामलों में स्थायी क्षति भी हो सकती है।