पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 09 जनवरी 2024
नोटः आज भौम प्रदोष व्रत एवं मास शिवरात्रि व्रत है।
समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना बहुत शुभ फलदायी माना जाता है। मासिक शिवरात्रि के दिन प्रातः जल्दी उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्नानादि करें। इस समय यदि मंदिर नहीं जा सकते तो घर पर रहकर ही पूजा करें। सबसे पहले शिव जी के समक्ष पूजा स्थान में दीप प्रज्वलित करें।
हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। प्रदोष व्रत जब मंगलवार के दिन होता है तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहते हैं। भौम प्रदोष के दिन शिवजी और हनुमान जी की पूजा का विधान है।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः पौष,
पक्षः कृष्ण,
तिथिः त्रयोदशी रात्रि काल 10.25 तक है,
वारः मंगलवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः ज्येष्ठा रात्रि काल 09.11 तक है,
योगः वृद्धि रात्रि काल 12.22 तक,
करणः गर,
सूर्य राशिः धनु, चन्द्र राशिः वृश्चिक,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 07.19, सूर्यास्तः 05.37 बजे।