खुद ही भोगना पड़ेगा दुष्कर्मों का फल

खुद ही भोगना पड़ेगा दुष्कर्मों का फल : महामंडलेश्वर स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 02 जनवरी   :

श्री कल्याण कमल आश्रम हरिद्वार के अनंत श्री विभूषित 1008 महामंडलेश्वर स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज की अध्यक्षता में रोज एनक्लेव स्थित श्री महामृत्युंजय महादेव मंदिर में आयोजित दिव्य श्री राम कथा एवं आध्यात्मिक प्रवचन कार्यक्रम धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गया है। कथा के समापन मौके स्वामी श्री कमलानंद जी महाराज ने प्रवचनों की अमृतवर्षा करते हुए कहा कि इस जगत में कोई भी सगा-संबंधी जीव को उसके किए गए कर्मों के फल से बचा नहीं सकते। मनुष्य अंत समय में खाली हाथ ही चला जाता है। इसलिए कोई भी बुरा काम यानि की दुष्कर्म  करने पहले अवश्य सोचें क्योंकि उसका परिणाम कर्म करने वाले को ही भोगना पड़ेगा। उस कर्म के फल से कोई नहीं बचा सकता। महाराज जी ने मन की चंचलता पर चर्चा करते हुए कहा कि मन में ही स्वर्ग होता है और मन में ही नरक। व्यक्ति खुद ही घर-परिवार को स्वर्ग बनाता है और खुद ही नरक। व्यक्ति के स्वभाव को बदलना बड़ा कठिन है। मनुष्य की भावना पर सब कुछ निर्भर रहता है। जिस प्रकार कुरूक्षेत्र की धरती पर कौरवों और पांडवों के दरमियान युद्द हुआ था। उसी प्रकार मनुष्य के मन में हर समय इच्छाओं तथा तृष्णाओं का युद्द चलता रहता है। जिस मनुष्य ने अपनी इच्छाओं व तृष्णाओं पर लगाम लगा ली, समझो उसने अपने मन को काबू में कर लिया।