Thursday, December 26

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार – 29 दिसम्बर  :

 जिंदल स्टेनलेस नेइस्पात श्रेणी में 15वीं एक्सीड व्यावसायिक स्वास्थ्य सुरक्षा एवं रक्षा पुरस्कार तथा सम्मेलन 2023 में स्वर्ण पुरस्कार प्राप्त किया।कंपनी को यह पुरस्कार उत्कृष्ट व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा प्रयासों के क्रियान्वयन हेतु दिया गया है। इस सम्मान समारोह का आयोजन हाल ही में सस्टेनेबल डेवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा केरल के तिरुवनंतपुरम में किया गया था। राष्ट्रीय परिदृश्य में बदलाव लाने की दृष्टि से 2007 से सस्टेनेबल डेवलपमेंट फाउंडेशन सामाजिक उत्थान के लिए काम कर रही है।

भारतीय उद्योग में सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण संस्कृति का निर्माणह्ण विषय पर आयोजित इस सम्मान समारोह में विभिन्न क्षेत्र जैसे सिमेन्ट, इस्पात, फर्टिलाइजर, आॅइल एंड गैस, औटोमोबाइल आदि की कॉम्पनियों ने भाग लिया था।  इस उपलब्धि पर अपनी टिप्पणी देते हुए, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं इकाई प्रमुख विजय कुमार बिंदलिश ने कहा कि जिंदल स्टेनलेस में हम एक मजबूत सुरक्षा संस्कृति निर्मित करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं। स्टेनलेस परिवार का प्रत्येक सदस्य व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रमुख नियमों का पालन करके कार्यस्थल पर सुरक्षा बढ़ाने में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। मुझे विश्वास है कि हमारे संयुक्त प्रयासों के परिणामस्वरूप सुरक्षा-प्रथम संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा और उद्योग जगत में हम एकबेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करने में सफल होंगे।

विजय कुमार बिंदलिश ने कहा कि व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को मजबूत करने एवं एक सुरक्षित कार्यस्थल के निर्माण के उद्देश्य से कंपनी ने उत्कृष्ट परियोजनाओं को लागू किया है। इन परियोजनाओं में शामिल हैं- शॉपफलोर में सुरक्षा संबंधित विषयों पर आंतरिक एवं बाह्य प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण सत्र जिनका आयोजन हर सप्ताह किया जाता है। वार्षिक सुरक्षा कैलंडर पर आधारित जागरूकता गतिविधियाँ जैसे क्विज, पोस्टर एवं सुरक्षा नाटक प्रतियोगिता, आपातकालीन मॉक ड्रिल प्रदर्शन, अज्ञात जोखिमोंकी पहचान,उनके सुझावऔर उनके उपयुक्त नियंत्रण उपाय। विजय कुमार बिंदलिश ने कहा कि  यह प्रयास एक जागरूक एवं सशक्त कार्यबल के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और एक सुरक्षित समाज नींव रख रहे हैं। भारत की अग्रणी स्टेनलेस स्टील निमार्ता कंपनी जिंदल स्टेनलेस का वित्त वर्ष 2023 में वार्षिक टर्नओवर 35,700 करोड़ रुपये (4.30 अरब अमेरिकी डॉलर) रहा है और यह वित्त वर्ष 2024 में 30 लाख टन वार्षिक मेल्ट क्षमता तक पहुंचने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है। भारत में ओडिशा और हरियाणा राज्यों में इसकी दो इस्पात निर्माण इकाईयां हैं और विदेश में इंडोनेशिया में एक इकाई है, जो दक्षिण-पूर्वी एशिया और आसपास के क्षेत्रों के बाजारों के लिए काम करती है।