डिम्पल अरोड़ा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, तलवंडी साबो/बठिंडा – 27 दिसम्बर :
लेखक गुरप्रेम लहरी की नई पुस्तक नागालैंड़-पूर्ब का स्विटजरलैंड को टीचर्ज होम में रिलीज किया गया। पुस्तक को लोक अर्पण करने की रस्म सतीश वर्मा, सैमुयल जौहन, प्रो. राजिंदर सिंह बराड़, राजीव शर्मा व खुशवंत बरगाड़ी द्वारा निभाई गई। सतीश वर्मा ने कहा कि जब तक पंजाबी साहित्य में एैसी किताबें प्रकाशित होती रहेंगी तब तक पंजाबी साहित्य का विकास होता रहेगा। उन्होंने इस पुस्तक को खुशआमदीद कहा।अदाकार सैमुयल जौहन ने कहा कि नागालैंड़ के बारे में कई प्रकार की भ्रांतियां फैलाई हुई थी कि वहां पर नागे लोग रहते हैं और लोगों को खा जाते हैं। एैसे में एक किताब आती है जिसमें नागालैंड़ को पूर्ब का स्विटजरलैंड कहा जाता है। यह सही में ही इन भ्रांतियों का मूंह तोडवां जबाव है। खुशवंत बरगाड़ी ने कहा कि पंजाबी में सफरनामों की काफी कमी है। अगर बात उत्तर-पूर्ब की की जाए तो इसके सफरनामे न के बराबर ही हैं। एैसे में गुरप्रेम लहरी की यह पुस्तक पंजाबी साहित्य में एक अच्छा कदम साबित होगी। सीनियर आइएएस वरिंदर शर्मा ने इस पुस्तक के बारे में कहा कि इस पुस्तक में मोटरसाइकिल यात्रा दौरान देखे नागालैंड यात्रा बिरतांत को शामिल किया गया है वहीं नागालैंड के कबीलों की उतपती और विकास का शोध कार्य भी शामिल है। भुपिंदर मान ने कहा कि इस यात्रा में वे भी शामिल थे और उन्होंने नागालैंड़ की मोटरसाइकिल पर यात्रा की है। उन्होंने कहा कि यह किताब यात्रा करने के शौकीनों के लिए वरदान साबित होगी। क्योंकि उत्तर-पूर्ब के बारे में ज्यादा लिखित जानकारी नहीं मिलती। गुरप्रेम लहरी ने बताया कि इस पुस्तक को पंजाबी एडवैंचरर्ज द्वारा प्रकाशित किया गया है जबकि मार्केटिंग सादिक पब्लीकेशन द्वारा की जा रही है।