पीपीपी ने पिछड़ा वर्ग को अपराधी बनने पर किया मजबूर : बूरा
पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार – 27 दिसम्बर :
टैक्स ट्रिब्यूनल के पूर्व न्यायिक सदस्य एवं कांग्रेसी नेता हरपाल बूरा ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार की परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) की खामियों ने पिछड़ा वर्ग के युवाओं व युवतियों को अपराधी बनाना शुरू कर दिया है। हिसार में एक युवती के साथ ऐसा ही हुआ है। हरपाल बूरा ने बताया कि पिछड़ा वर्ग व अनुसूचित जाति वर्ग का सर्टिफिकेट बनाने के लिए अभ्यर्थी की जाति की पुष्टि माता-पिता की जाति से होती है लेकिन इस सरकार ने विवाहित महिला की आय की गणना भी पिता की आय से करनी शुरु कर दी है। पिछड़ा वर्ग से संबंधित आदमपुर मंडी की एक विवाहिता ने पिछड़ा वर्ग का प्रमाण-पत्र बनाने का प्रयास किया तो पोर्टल ने उसके पिता की फैमिली आईडी मांगी ताकि उसके पिता की आय उसकी आय में जोडक़र उसको क्रीमिलेयर की श्रेणी में ला दिया जाए।
उन्होंने कहा कि शादीशुदा लडक़ी की आय की गणना उसके पति की आय से होनी चाहिए न कि पिता की आय से। पोर्टल की इस खामी को दुरुस्त करवाने में अक्षम विवाहिता ने नोन-क्रीमिलेयर का बीसी सर्टिफिकेट लेने के लिए अपने माता-पिता को मृत दर्शा दिया। इस पर पोर्टल ने उनके मृत्यु प्रमाण-पत्र मांगे तो फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र अपलोड कर दिए। मामला पकड़ में आया तो उसके खिलाफ इतनी संगीन धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई कि उनमें सजा हो जाए तो महिला को आजीवन कारावास की सजा काटनी होगी।