श्री महामृत्युंजय महादेव मंदिर में महाराज जी ने कहा-श्रद्धा, सत्संग और परमात्मा प्रति प्रेम जरुरी, तभी समझ आएगी श्री राम कथा
रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 25 दिसम्बर :
देवभूमि हरिद्वार के अनंत श्री विभूषित 1008 महामंडलेश्वर स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि जब तक तीन चीजें एक साथ न हों तब तक श्री राम कथा समझ में नहीं आती है। सबसे पहले श्रद्धा, दूसरा सत्संग और तीसरा परमात्मा प्रति प्रेम होना। श्रद्धा, सत्संग और ईष्ट प्रेम जब मिले तो श्री राम कथा समझ में आती है। ऐसा रामायण में लिखा है। जिन्हें श्री राम के प्रति प्रेम नहीं है। प्रीति भाव नहीं है। सत्संग में प्रीति व श्रद्धा नहीं है, उन्हें ये कथा समझ नहीं आती है।महामंडलेश्वर स्वामी श्री कमलानंद जी महाराज ने ये विचार रोज एनक्लेव स्थित श्री महामृत्युंजय महादेव मंदिर में आयोजित दिव्य श्री राम कथा एवं आध्यात्मिक प्रवचन कार्यक्रम के दौरान प्रवचनों की अमृतवर्षा करते हुए श्रद्धालुओं के विशाल जनसमूह के समक्ष व्यक्त किए।
त्रयोदशी मौके स्वामी जी ने सुनाई शिव महिमा भी स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज ने त्रयोदशी के चलते शिव महिमा सुनाते हुए कहा कि ब्रह्मा, विष्णु और सभी देवी-देवताओं समेत भगवान श्री राम और श्री कृष्ण भी शिव भक्त हैं। पुराणों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने कैलाश पर्वत पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी तो भगवान श्री राम ने रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना कर पूजा-अर्चना की थी। देवों के देव महादेव की भक्ति करने वाले भक्त पर कभी कोई संकट नहीं आ सकता। उसके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। इसलिए जब भी कोई बड़ा संकट आए तो भगवान शिव की शरण में जाएं।स्वामी कमलानंद गिरि जी महाराज ने श्रद्धालुओं को मानव जीवन का महत्व बताते हुए कहा कि जिंदगी तीन पन्ने की किताब का नाम है। उसमें पहला पृष्ठ है जन्म का, जो मनुष्य को लिखा हुआ ही मिला है। तीसरे पृष्ठ का नाम है मृत्यु, वे भी लिखा हुआ ही मिला है। दूसरे नंबर का पन्ना है जीवन का, जो मनुष्य को कोरा ही मिलता है उस पर क्या लिखना है ये मनुष्य पर खुद निर्भर करता है। मजे की बात तो ये है कि उस पृष्ठ पर मनुष्य जो लिखेगा, जैसा लिखेगा उसी के आधार पर तीसरे नंबर का पन्ना मिलने वाला है। अर्थात मृत्यु का ये पृष्ठ निश्चित है, मगर ये पृष्ठ उज्जवल मिलेगा या मलिन, इसका निर्णय मनुष्य खुद जीवन के दूसरे पन्ने में लिखकर कर सकता है। अर्थात मनुष्य को कोरे जीवन में खुशियों का रंग खुद ही भरना पड़ता है।
कथा दौरान रोजाना स्वामी श्री सुशांतानंद जी महाराज भी श्रद्धालुओं को प्रवचनों की अमृतवर्षा में स्नान कराने के साथ-साथ सुमधुर भजनों की गंगा में डुबकियां लगवा रहे हैं। कथा में बड़ी गिनती में श्रद्धालु उमड़कर पुण्य-लाभ कमा रहे हैं। मंदिर में स्थापित शिवलिंग का त्रयोदशी मौके श्रृंगार भी किया गया था, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना रहा। बड़ी गिनती में श्रद्धालुओं ने शिवलिंग के त्रयोदशी श्रृंगार के दर्शन कर जीवन को सफल बनाया।
फरीदकोट स्थित श्री महामृत्युंजय महादेव मंदिर में श्री राम कथा करते हुए स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज एवं उपस्थित श्रद्धालु।फरीदकोट स्थित श्री महामृत्युंजय महादेव मंदिर में त्रयोदशी मौके किया गया शिवलिंग का भव्य श्रृंगार।