पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 25 दिसम्बर 2023 :
नोटः आज पिशाच मोचन श्राद्ध है। एवं शिव चतुर्दशी व्रत है।
शिव चतुर्दशी का व्रत जो भी व्यक्ति पूरे श्रद्धाभाव से करता है उसके माता- पिता के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा उसके स्वयं के सारे कष्ट दूर हो जाते है तथा वह जीवन के सम्पूर्ण सुखों का भोग करता है। इस व्रत की महिमा से व्यक्ति दीर्घायु, ऐश्वर्य, आरोग्य, संतान एवं विद्या आदि प्राप्त कर अंत में शिवलोक जाता है।
पिशाच मोचन श्राद्ध : ऐसे पितर जो किसी कारण वश प्रेत योनि में चले जाते हैं उन्हें उससे मुक्ति दिलाने के लिए हर साल मार्गशीर्ष या फिर कहें अगहन महीने में पड़ने वाले पिशाच मोचन श्राद्ध तिथि पर उनका विधि-विधान से श्राद्ध किया जाता है
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः मार्गशीर्ष,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः चतुर्दशी अरूणोदय काल 05.47 तक,
वारः सोमवार।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः रोहिणी रात्रि काल 09.39 तक हैै,
योगः शुभ रात्रि काल 04.22 तक,
करणः गर,
सूर्य राशिः धनु, चन्द्र राशिः वृष,
राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 07.16, सूर्यास्तः 05.27 बजे।