Tuesday, December 24

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 21 दिसम्बर  :

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है और खाने पीने की आदतों केमिकल्स के कारण कई बार शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती जाती है। जिससे कई बार हम गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो जाते हैं और गंभीर बीमारी कई बार घातक होकर कैंसर का रूप धारण कर लेती है। लेकिन कैंसर हीलर की इम्यूनोथेरेपी ने कैंसर के इलाज में कमाल कर दिया है।

एससीओ 12 सेक्टर 40 डी में स्थित कैंसर हीलर सेंटर पर आयोजित एक सम्मेलन में डॉक्टर तरंग कृष्णा ने बताया कि कैंसर अब सामान्य रोग हो गया है। कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है, परंतु रोग का निदान और उपचार प्रारंभिक अवस्था में किया जाए तो इस रोग का पूर्ण उपचार संभव है कैंसर का सर्वोत्तम उपचार बचाव है। यदि मनुष्य अपने जीवन शैली में कुछ परिवर्तन करने को तैयार हो तो 60% मामलों में कैंसर होने से रोका जा सकता है। 

डॉक्टर तरंग कृष्णा बताते हैं कि कैंसर हीलर सेंटर इम्यूनोथेरेपी द्वारा कैंसर का इलाज करता है। जोकि कीमोथेरेपी और रेडियोथैरेपी के साथ लिया जा सकता है और कोई भी साइड इफेक्ट भी नहीं है यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी बढ़ा देत देता है, जिससे शरीर कैंसर से लड़ने में सक्षम होता है और उसको बढ़ने नहीं देता। कैंसर हीलर का इम्यूनोथेरेपी उपचार हम कैंसर की किसी भी स्टेज पर ले सकते हैं और अन्य किसी भी उपचार के साथ भी हम कैंसर हीलर की इम्यूनोथेरेपी का इलाज ले सकते हैं। 

डॉ. कृष्णा ने कहा कि परामर्श के लिए कभी भी 98100 -06264 पर कॉल करके बात कर सकते हैं। फोन पर परामर्श के अलावा कैंसर हीलर सेंटर के देशभर में 14 से अधिक सेंटर हैं। 

डॉक्टर तरंग कृष्णा ने बताया कि कैंसर, किसी कोशिका के असामान्य तरीके से बढ़ने की बीमारी है। आमतौर पर, हमारे शरीर की कोशिकाएं नियंत्रित तरीके से बढ़ती हैं और विभाजित होती हैं। जब सामान्य कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है या कोशिकाएं पुरानी हो जाती हैं, तो वे मर जाती हैं और उनकी जगह स्वस्थ कोशिकाएं ले लेती हैं। कैंसर में कोशिका के विकास को नियंत्रित करने वाले संकेत ठीक से काम नहीं करते हैं। कैंसर की कोशिकाएं बढ़ती रहती हैं और जब उन्हें रुकना चाहिए तो कई गुना बढ़ जाती हैं। दूसरे शब्दों में कहें, तो कैंसर कोशिकाएं स्वस्थ कोशिकाओं वाले नियमों का पालन नहीं करती हैं। डॉक्टर कृष्णा के मुताबिक हर एक कोशिका ऐसे जींस से नियंत्रित होती है जो कोशिकाओं को निर्देश देते हैं कि उन्हें कैसे काम करना है, कब बढ़ना और कब विभाजित होना है। कैंसर शरीर की अपनी ही कोशिकाओं से विकसित होता है। किसी एक कोशिका के जीन के भीतर आने वाले बदलाव के साथ ही इसकी शुरुआत होती है। आनुवंशिक बदलाव या म्यूटेशन (कोशिका में आने वाली तब्दीली या हेर-फेर) किसी कोशिका के सामान्य कार्य में हस्तक्षेप कर सकते हैं। ज़्यादातर तब्दीलियां नुकसान नहीं पहुंचाती हैं, लेकिन कभी-कभी ये कोशिका के विकास को नियंत्रित करने में अड़चन पैदा कर देती हैं। ऐसा कभी-कभार ही होता है कि जीन में बदलाव सिर्फ़ इसलिए आएं क्योंकि माता-पिता के साथ भी ऐसा ही हुआ था। ज़्यादातर हेरफेर अनायास होते हैं, वह भी तब, जब कोशिकाएं अलग- अलग हिस्सों में बंटती हैं। इतना ही नहीं, ये फेर-बदल ग़लती से होते हैं और अचानक होते हैं। बड़ों को होने वाले कैंसर के उलट, बच्चों को होने वाले कैंसर की वजह ज़िंदगी जीने के तौर-तरीके या पर्यावरण नहीं होते हैं। बल्कि, बच्चों को होने वाले कैंसर के ज़्यादातर मामले जीन में आने वाली तब्दीली का नतीजा होते हैं जो कि इत्तेफ़ाक से होता है। 

डॉक्टर तरंग कृष्णा बताते हैं कि कैंसर से बचाव के लिए धूम्रपान, तंबाकू,सुपारी, पान मसाला, शराब आदि का सेवन न करें। विटामिन युक्त  पौष्टिक भोजन खाएं कीटनाशक एवं खाद्य संरक्षण रसायनों से मुक्त भोजन खाएं। अधिक तले बार-बार गर्म किया तेल में बने और अधिक नमक रहित भोजन न खाएं। वजन के लिए योग व्यायाम करें। शरीर में या स्वास्थ्य में किसी भी असामान्य परिवर्तन को अधिक समय तक पनपने ना दें। नियमित रूप से जांच करवाते रहें और अपने नजदीकी कैंसर हीलर सेंटर से तुरंत संपर्क करें। प्रारंभिक अवस्था में निदान होने पर ही संपूर्ण विचार संभव है। कैंसर हीलर सेंटर के द्वारा सभी स्टेज के मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया जाता है। उन मरीजों का भी इलाज किया गया है, जिनका डॉक्टर ने मना कर दिया था कि अब इलाज संभव नहीं है और घर पर ही आप उनकी सेवा करें कुछ परिवारों ने गाये तक दान कर दी थी। लेकिन आज कैंसर हीलर की इम्यूनथेरेपी इलाज द्वारा अब वह स्वस्थ जीवन यापन कर रहे हैं।