Tuesday, December 24
  • बनवारीलाल पुरोहित द्वारा ग्रुप-डी नेशनल्स का भव्य उद्घाटन : एसोसिएशन को 2.5 लाख रुपये का अनुदान देने की भी घोषणा की
  • ब्लाइंड क्रिकेट दृष्टिबाधित समुदाय को सशक्त और प्रेरित करने का एक माध्यम है : विनोद चड्ढा 

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 18 दिसम्बर  :

नेत्रहीन ग्रुप डी क्रिकेट नेशनल का उद्घाटन पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित द्वारा आज क्रिकेट स्टेडियम, सेक्टर 16, चंडीगढ़ में बड़ी धूमधाम से किया गया। चण्डीगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और गुजरात की टीमें शीर्ष सम्मान के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड (एनएबी), चंडीगढ़ क्रिकेट एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड इन इंडिया के सहयोग से 18 से 22 दिसंबर, 2023 तक नागेश ट्रॉफी नेशनल्स फॉर द ब्लाइंड के छठे संस्करण की मेजबानी कर रहा है l

पुरोहित इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए और दृष्टिबाधित क्रिकेटरों के जज्बे और जुनून की प्रशंसा की। उन्होंने एथलीटों के बीच खेल को बढ़ावा देने के लिए एसोसिएशन को 2.5 लाख रुपये का अनुदान देने की भी घोषणा की। अन्य गणमान्य व्यक्तियों में नितिन कुमार यादव, प्रशासक के सलाहकार, हरि कल्लिक्कट, आईएएस सचिव खेल, एसएस पांडव, हेड, एडवांस आई सेंटर, पीजीआई, ब्रदर रयान फर्नांडीस, प्रिंसिपल, सेंट जॉन्स हाई स्कूल, सोरभ कुमार अरोड़ा, निर्देशक खेल, यू.टी.,  चंडीगढ़, और संजय टंडन, अध्यक्ष यू.टी. क्रिकेट एसोसिएशन शामिल थे l

एनएबी के अध्यक्ष विनोद चड्ढा ने मेहमानों का स्वागत किया और भारत में ब्लाइंड क्रिकेट की उपलब्धियों और चुनौतियों पर प्रकाश डाला और विकलांगता के प्रति अधिक जागरूकता और समावेशन की अपील की। उन्होंने कहा कि ब्लाइंड क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं है, बल्कि दृष्टिबाधित समुदाय को सशक्त और प्रेरित करने का एक माध्यम है।

पहले मैच में चंडीगढ़ ने 20 ओवर में 8 विकेट पर 208 रन बनाए और इस लक्ष्य को मध्य प्रदेश ने 18 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया।                   

इस ग्रुप डी की सर्वश्रेष्ठ दो टीमें नेशनल सुपर 8 में आगे बढ़ेंगी जो जनवरी 2024 में नागपुर में प्रतिस्पर्धा करेंगी। नागेश ट्रॉफी नेशनल क्रिकेट फॉर द ब्लाइंड समावेशिता और सशक्तिकरण का एक प्रतीक बन गया है, जो दृष्टिबाधित क्रिकेटरों को अपना प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। यह इन उल्लेखनीय एथलीटों के अटूट जुनून और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है।  राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेल रही नेत्रहीन टीमों के बीच रोमांचक मुकाबलों को देखने के लिए लगभग 150 दृष्टि बाधित लोग एकत्र हुए।