स्वस्थ और सुखी जीवन का आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति, सशक्त माध्यम हैं : डॉ शकुन गुप्ता
शाकुम्भरी आयुर्वेदिक चिकित्सालय द्वारा पुनः निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर आयोजित किया गया
सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 18 दिसम्बर :
शाकुम्भरी आयुर्वेदिक चिकित्सालय यमुनानगर की ओर से दूसरा विशाल निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में पर आए हुए मरीजों को निशुल्क दवाइयां भी प्रदान की गई। वर्तमान समय में जहाँ सामान्य रोगों के उपचार के लिए भी अधिक ख़र्च करना पड़ता है और अनेकों समस्याओं से गुजरना पड़ता है, वंही शाकुम्भरी आयुर्वेदिक चिकित्सालय द्वारा यह कार्य निस्वार्थ भाव से किया जा रहा है। वर्ष में दो बार लगने वाले शिविर में प्रदेश के विभिन्न जिलों के लोग यहाँ स्वास्थ्य जांच करवाने के लिए पहुंचते हैं। आपको बता दें कि शाकुम्भरी आयुर्वेदिक चिकित्सालय के वैद्य डॉ वीके गुप्ता और डॉ शकुन गुप्ता मानव कल्याण के प्रति सदैव समर्पित रहते हैं। शिविर में उपलब्ध कराई जाने वाली सभी आयुर्वेदिक दवाइयां माता शाकुम्भरी आयुर्वेदिक्स औषधालय में स्वंम तैयार की जा रही है ताकि गुणवत्ता की दृष्टि से किसी प्रकार का समझौता नहीं हो सके। निशुल्क शिविर में जटिल से जटिल रोगों की जांच करके उनका उपचार किया जा रहा है एवं उच्च गुणवत्ता की दवाइयां भी चिकित्सालय की ओर से निशुल्क प्रदान की जाती हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए चिकित्सालय के संचालक वैद्य डॉक्टर वीके गुप्ता एवं डॉक्टर शकुन गुप्ता ने बताया कि इस शिविर का मुख्य उद्देश्य समाज में आयुर्वेद का प्रचार प्रसार करना है तथा लोगों को आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के प्रति जागरुक करते हुए उन्हें स्वस्थ रखना है। डॉक्टर शकुन गुप्ता ने बताया कि उनके द्वारा लंबे समय से आयुर्वेद चिकित्सा क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है और गंभीर से गंभीर बीमारियों का सफल उपचार किया जाता है। मौके पर शिविर में यमुनानगर जिला व अन्य जिलों से पहुंचे लोगों ने बताया कि शिविर में सुविधाजनक रूप से स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। मरीज़ो का कहना है कि वह पिछले लंबे समय से विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे और अनेक प्रकार के इलाज करवाने के बाद भी स्वस्थ नही हुए। शाकुम्भरी आयुर्वेदिक चिकित्सालय में उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप उपचार किया जा रहा है। डॉक्टर शकुन गुप्ता ने सम्पूर्ण समाज का आह्वान करते हुए कहा कि हमें आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की ओर अग्रसर होना होगा क्योंकि आयुर्वेद में रोग को जड़मूल से समाप्त किया जाता है और एक स्वस्थ जीवन जीया जा सकता है।