Thursday, December 26

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 16 दिसम्बर 2023 :

नोटः आज पौष संक्रांति है। बंगाल में, पौष संक्रांति एक भाग्यशाली दिन है जब किसान अपनी फसलों की कटाई शुरू करते हैं । धन की देवी के प्रतीक के रूप में चावल के दानों का उपयोग लक्ष्मी पूजा अनुष्ठानों में किया जाता है। छुट्टियों को पिथे पारबोन के रूप में भी जाना जाता है, और उत्सव के लिए सबसे लोकप्रिय व्यंजन को चावल के फूलों से बना पिठे कहा जाता है।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः मार्गशीर्ष, 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः चतुर्थी रात्रि काल 08.01 तक, 

वारः शनिवार।

नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

नक्षत्रः श्रवण रात्रि काल 04.37 तक हैै, 

योगः व्यातिपात रात्रि काल  03.47 तक, 

करणः वणिज, 

सूर्य राशिः धनु, चन्द्र राशिः मकर, 

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः 07.11, सूर्यास्तः 05.22 बजे।