पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 08 दिसम्बर 2023 :
नोटः आज उत्पन्ना एकादशी व्रत है।
उत्पन्ना एकादशी व्रत : मार्गशीर्ष यानी अगहन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है। सभी एकादशियों की तरह उत्पन्ना एकादशी भी श्रीहरि विष्णु को समर्पित है। यह एकादशी बहुत खास मानी जाती है। इस एकादशी के दिन व्रत करने से व्यक्ति के पिछले जन्म के पापों का भी नाश होता है और उसे मुक्ति मिलती है।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः मार्गशीर्ष,
पक्षः कृष्ण,
तिथिः एकादशी अरूणोदय काल 06.32 तक,
वारः शुक्रवार।
नोटः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः हस्त की (वृद्धि है जो कि शुक्रवार को प्रातः 08.54 तक है)ै, योगः सौभाग्य रात्रि काल 12.04 तक, करणः बव,
सूर्य राशिः वृश्चिक, चन्द्र राशिः कन्या,
राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,
सूर्योदयः 07.06, सूर्यास्तः 05.20 बजे।