Saturday, December 21

“पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने जो कश्मीर में गलतियां की हैं उसका खामियाजा कश्मीर को उठाना पड़ा। जवाहर लाल नेहरू की पहली और सबसे बड़ी गलती- जब हमारी सेना जीत रही थी, पंजाब का क्षेत्र आते ही सीजफायर कर दिया गया और पीओके का जन्म हुआअगर सीजफायर तीन दिन बाद होता तो आज पीओके भारत का हिस्सा होता। एक तरह से कश्मीर में तीन युद्ध हुए! 1947 में पाकिस्तान ने कश्मीर पर आक्रमण किया इस दौरान 31000 से अधिक परिवार विस्थापित हुए। गौरतलब है कि 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान 10065 परिवार विस्थापित हुए थे। 1947, 1965 और 1969 के इन तीन युद्धों के दौरान कुल 41844 परिवार विस्थापित हुए थे।“ सांसद मैं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा।

  • कश्मीरी पंडितों को आरक्षण देने से कश्मीर की विधानसभा में उनकी आवाज गूंजेगी: अमित शाह
  • नरेंद्र मोदी सरकार के शासन काल के दौरान आतंकी घटना में आई कमी: अमित शाह
  • गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर में सीटों का किया ऐलान
  • परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अब सीटों की संख्या बढ़कर 114 हो जाएगी
  • POK के लिए 24 सीटों को रिजर्व किया गया है
  • 46,631 परिवार और 1,57,967 लोग अपने ही देश में विस्थापित हो गए: अमित शाह

नयी दिल्ली ब्यूरो, डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली – 06 दिसम्बर  :

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय में जो गलतियां हुई थीं, उसका खामियाजा वर्षों तक कश्मीर को उठाना पड़ा।” अमित शाह जम्मू-कश्मीर से जुड़े दो बिलों पर चर्चा कर रहे थे।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, “जवाहर लाल नेहरू की पहली और सबसे बड़ी गलती- जब हमारी सेना जीत रही थी, पंजाब का क्षेत्र आते ही सीजफायर कर दिया गया और पीओके का जन्म हुआ। अगर सीजफायर तीन दिन बाद होता तो आज पीओके भारत का हिस्सा होता।” दूसरा- “जवाहर लाल नेहरू ने UN में भारत के आंतरिक मसले को ले जाने की गलती की।” अमित शाह के इस बयान पर सदन में हंगामा भी हुआ। बाद में विपक्ष ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया।

उन्होंने इसके साथ ही राज्य में परिसीमन के बाद विधानसभा सीटों का भी ऐलान कर दिया। शाह ने कहा, “यह बिल 70 वर्षों से जिनपर अन्याय हुआ, अपमानित हुए और जिनकी अनदेखी की गई, उनको न्याय दिलाने का बिल है।” उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहले 107 सीटें हुआ करती थीं जो परिसीमन में बढ़कर 114 हो गई हैं।

शाह ने बताया कि ये जो संशोधन है, उसे आने वाले दिन में हर कश्मीरी, जो प्रताड़ित है वो याद रखेगा, हर कश्मीरी जो पिछड़ा है वो याद रखेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 70-70 साल से दर-दर की ठोकरे खाने वाले अपने ही भाई-बहनों को न्याय दिलाने के लिए दो सीटों का रिजर्वेशन दिया। अपना देश छोड़कर POK छोड़कर यहां शरणार्थी बने लोगों को आरक्षण दिया। जो कमजोर लोग है उनको पिछड़ा वर्ग वाला संवैधानिक शब्द दिया।

परिसीमन का जिक्र करते हुए शाह ने बताया कि परिसीमन की जो सिफारिश है उसको कानूनी जामा पहनाकर आज इसे संसद के सामने रखा है। शाह ने बताया कि दो सीटें कश्मीर विस्थापितों के लिए आरक्षित होंगी। एक सीट POK के विस्थापित व्यक्तियों के लिए दी जाएगी। इसमें से एक महिला होना जरूरी है। 9 सीटें ST के लिए आरक्षित की गई हैं। SC के लिए भी सीटों का आरक्षण किया गया है। परिसीमन आयोग की सिफारिश के पहले जम्मू में पहले 37 सीटें थीं जिसे अब 43 कर दी गई हैं। कश्मीर में पहले 46 सीटें थी अब 47 हुई हैं। POK की 24 सीटें हमने रिजर्व रखी हैं, क्योंकि वो हिस्सा हमारा है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहले 107 सीटें थीं जो अब बढ़कर 114 हो गई हैं। पहले दो नामांकित सदस्य हुआ करते थे अब 5 सदस्य होंगे। कश्मीर के कानून के हिसाब से दो महिलाओं को राज्यपाल द्वारा मनोनीत किया जाता है। धारा 15 के अनुसार किया जाता है। अब इसमें कश्मीरी प्रवासियों में 2, जिसमें एक महिला और POK से एक नामांकन किया जाएगा।