मीडिया फाउंडेशन ने मीडिया पॉलिसी को लेकर जताया एतराज

सांसद दीपेंद्र हुड्डा को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा

डिम्पल अरोड़ा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, कालांवाली 02     दिसम्बर  :

मीडिया फाउंडेशन के चेयरमैन बलजीत सिंह एडवोकेट ने राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को उनके सिरसा प्रवास के दौरान मीडियाकर्मियों की मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। अपने ज्ञापन में बलजीत सिंह एडवोकेट ने सरकार की नई मीडिया पॉलिसी पर सवाल उठाए हैं। सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने पत्रकारों की मांगों को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस विधायकों द्वारा उठाने का भी आश्वासन दिया है। 

मीडिया फाउंडेशन की ओर से ज्ञापन में कहा गया कि सरकार ने पत्रकारों पर दबाव बनाने और उन्हें पेंशन से वंचित करने के लिए जान बूझकर एफआईआर वाली शर्त जोड़ी है। पेंशन नीति में कहा गया है कि अगर किसी पत्रकार पर एफआईआर हुई तो उसे पेंशन नहीं दी जाएगी। मीडिया फाउंडेशन चेयरमैन ने कहा कि महज एफआईआर दर्ज होने से ही कोई व्यक्ति दोषसिद्ध नहीं हो जाता। ऐसे में केवल एफआईआर दर्ज होने पर उसे पेंशन से वंचित करना न्यायसंगत नहीं है। 

उन्होंने कहा कि एक परिवार में एक ही सदस्य को पत्रकार पेंशन के लायक समझना पत्रकार का अपमान है। अगर पत्रकार की पत्नी, भाई या कोई अन्य पारिवारिक सदस्य भी पत्रकारिता से जुड़ा हो तो उसे पेंशन से वंचित कैसे किया जा सकता है। यह महिला पत्रकारों के अधिकारों पर कुठाराघात करने जैसा है। उन्होंने कहा कि पहले पेंशन पाने वाले पत्रकार के निधन पर उसके जीवनसाथी को पूरी पेंशन पाने का हक था, लेकिन अब उसे घटाकर आधा कर दिया गया है। यानी पहले पत्रकार का देहांत होने पर उसके जीवन साथी को दस हजार पेंशन मिलती थी और अब उसकी पेंशन दस हजार से बढ़ाकर १५ हजार करने की बजाय सरकार ने घटाकर ७५०० रुपए कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, मंत्री या विधायक के खिलाफ कोई मामला दर्ज होता है तो उसकी सभी सुविधाएं बंद नहीं की जाती तो पत्रकारों पर ही यह क्यों थोपा जा रहा है। 

दीपेंद्र हुड्डा ने मीडिया फाउंडेशन चेयरमैन बलजीत सिंह की बात को ध्यानपूर्वक सुना और कहा कि सरकार बनने पर पत्रकारों की तमाम मांगों को पूरा किया जाएगा और पेंशन पॉलिसी में जो बाध्यताएं शामिल की गई हैं, उनको हटाया जाएगा। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पत्रकारों की सुविधाओं पर कैंची चलाना गंभीर मामला है और कांग्रेस की सरकार बनने पर इस पॉलिसी को दुरुस्त करके लागू किया जाएगा।