- भगवान के नाम की नवधा भक्ति जीवन में भगवान का प्रवेश द्वारः कथा व्यास
- श्री कृष्ण-रुक्मणी विवाह की जीवंत झांकी का दर्शन कर आनंदित हुए श्रद्धालु, किया नृत्य, जयकारों से गूंजमयी हुआ वातावरण
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 02 दिसम्बर :
सुंदरकाण्ड महिला मंडली, सेक्टर 40 डी द्वारा आयोजित साप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथा में व्यास सुरेश शास़्त्री ने भगवान रुक्मणी और श्रीकृष्ण विवाह का प्रसंग उपस्थित श्रद्धालुओं को सुनाया, जिसमें उन्होंने नवधा भक्ति को बहुत ही विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि नवधा भक्ति में पहली भक्ति सुनना है और इसी भक्ति के माध्यम से, श्रवण मात्र से ही रुक्मणी जी ने भगवान श्रीकृष्ण को अपना बनाया। जो भगवान के नाम का कलियुग में श्रवण करता है या भगवान के नाम के नवधा भक्ति करता है उसके जीवन में ठाकुर जी प्रवेश करते हैं।
कथा व्यास सुरेश शास्त्री ने बताया रुक्मणी जी के द्वारा भगवान के लिए जो पत्र भेजा, उसमें अपने मन के सच्चे भावों को व्यक्त कर उनकी महिमा का गुणगान किया तथा भगवान से उन्हें अपनाने की विनती की। कथा व्यास ने बताया कि जब श्रीकृष्ण ने रुक्मणी के भावों को पत्र में पढ़कर तुरंत भगवान रुक्मणी को अपना बना लिया और उनसे विवाह कर लिया।
इस अवसर पर सुंदरकाण्ड महिला मंडली की प्रधान नीमा जोशी के नेतृत्व में श्री कृष्ण-रुक्मणी विवाह की जीवंत झांकी का आयोजन कर विवाह उत्सव को मनाया गया। जिसमें सभी उपस्थित श्रद्धालुओं ने पूरे भाव से दर्शन कर भगवान के नाम का सुमिरन किया और जयकारे लगाए। विवाह के दौरान पूरा माहौल हर्षोल्लास हो गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने भगवान पर पुष्प वर्षा की जिसके उपरांत संयुक्त रूप से भगवान की आरती की। कथा व्यास ने अनेक प्रकार से भजनों से सभी भक्तों को मंत्रमुग्ध किया और दिव्या झांकी के दर्शन हुए। रुक्मणि जी की भूमिका प्रियंका तथा श्री कृष्ण की भूमिका नेहा ने बखूबी निभाई।
कथा व्यास सुरेश शास्त्री ने भगवान की अनेक प्रकार के दिव्य लीलाओं का श्रवण कराया गया जिसमें गौ सेवा का पाठ एवं वेणु गीत गोपी गीत श्रवण करके सभी ने कथा का आनंद लिया। भगवान श्री कृष्ण के द्वारा उद्धव जी को ज्ञान संदेश देने के लिए मथुरा से गोकुल भेजा गया जिसमें गोपियों ने उद्धव को उल्टा प्रेम का पाठ पढ़ा दिया और उद्धव जी समझ गए कि ज्ञान से श्रेष्ठ प्रेम होता है हम सबको प्रेम से रहना चाहिए।
इस अवसर पर सुंदरकांड महिला मंडली की प्रधान नीमा जोशी ने 3 दिसम्बर को प्रातः 9 बजे हवन कर पूर्णाहुति की जाएगी। इसी दिन कथा का समय प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 बजे निर्धारित किया गया है।