महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि जी महाराज को श्रद्धालुओं ने दी नम आंखों के बीच भावुक क्षणों में विदाई
- करीब एक सप्ताह राजस्थान पीलीबंगा के श्रद्धालुओँ को प्रवचनों की अमृतवर्षा में स्नान कर कृतार्थ करेंगे महाराज जी
रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 01 दिसम्बर :
श्री कल्याण कमल आश्रम हरिद्वार के अनंत श्री विभूषित 1008 महामंडलेश्वर स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज को शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने नम आंखों के बीच भावुक क्षणों में भाव-भीनी विदाई दी। श्री राम भवन में आयोजित विदाई समारोह में बड़ी गिनती में श्रद्धालु उमड़े हुए नजर आए और स्वामी जी महाराज का तिलक पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर प्रांगण सद्गुरु देव महाराज के जयकारों से गूंज उठा। महाराज जी शिष्य मंडली सहित मुक्तसर से पीलीबंगा स्थित श्री मनोकामना सिद्ध सालासर धाम के लिए रवाना हो गए हैं। जहां करीब एक सप्ताह वहां के श्रद्धालुओं को प्रवचनों की अमृतवर्षा में स्नान करवा पुण्य-लाभ कराएंगे। इसके बाद महाराज जी 9 दिसंबर को फरीदकोट पधारेंगे और नववर्ष तक फरदीकोट स्थित श्री महामृत्युंजय महादेव मंदिर में ही श्रद्धालुओं को प्रवचनों की अमृतवर्षा में स्नान करवाएंगे। इस बार नववर्ष फरीदकोट में ही मनाया जाएगा। प्रवक्ता रमन जैन ने सभी का आभार जताया।
जीवन को स्वर्णमयी बना देता है सत्संगः स्वामी श्री कमलानंद जी
विदाई समारोह में प्रवचनों की अमृतवर्षा दौरान स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज ने सत्संग की महिमा सुनाते हुए कहा कि सत्संग भगवान से मिलाने का कार्य करता हैं। मानव शरीर का मुख्य उद्देश्य सत्संग के जरिए भगवान को पाना ही है। मगर मनुष्य इस जगत में आकर अपना उद्देश्य भूल गया है। सत्संग श्रवण करने से कुसंग का नाश होता है। सत्संग का असर धीरे-धीरे चढ़ता है और जिस पर सत्संग का रंग चढ़ जाता है उस व्यक्ति का जीवन ही सफल हो जाता है। महाराज जी ने कहा कि पारस में ऐसी शक्ति होती है कि जो लोहे को सोना बना देता है। ऐसे ही सत्संग है जो जीवन को स्वर्णमयी बना देता है। सत्संग श्रवण करने से मनुष्य का जीवन पवित्र होता है। सत्संग जीवन में बेहद जरुरी है। सत्संग मनुष्य को जगाता है। जैसे हम अलार्म लगाते हैं तो अलार्म हमें सैट किए गए समय अनुसार जगाता है। ऐसा तो नहीं है कि अगर हम सुबह साढ़े तीन बजे का अलार्म लगाएं और अलार्म अभी बज जाए। वो तो निर्धारित समय आने पर ही बजेगा। इसी तरह सत्संग, भगवान का भजन सिमरन करने से व्यक्ति की जागृति होती है। सत्संग ही मनुष्य को हर दुविधा से निकालता है। ये सत्संग की महिमा है। संतों का संग करने से जीवन का कल्याण होता है। इस मौके बड़ी गिनती में श्रद्धालु पहुंचे। जिन्होंने महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त किया।कैप्शनः श्री राम भवन में विदाई समारोह दौरान स्वामी श्री कमलानंद जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त करते श्रद्धालु।कैप्शनः श्री राम भवन में विदाई समारोह दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए स्वामी श्री कमलानंद जी महाराज।(छायाः)