Sunday, December 22

हिसार/पवन सैनी
 लाला लाजपत राय द्वारा स्थापित नगर की ऐतिहासिक और प्रतिष्ठित आर्य समाज का वार्षिक उत्सव का आज यज्ञ हवन से हुआ जिसके मुख्य यज्ञमान समाज के प्रधान हरिसिंह सैनी रहे। कार्यक्रम में डॉ. बलवीर आर्य प्रोफेसर दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक और कैलाश कर्मठ भजनोपदेशक विशेष रूप से उपस्थित हुए हैं। वेद प्रचार अधिष्ठाता स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती ने बताया कि हवन यज्ञ के पश्चात उत्सव का विधिवत उद्घाटन आर्य समाज के प्रधान हरिसिंह सैनी द्वारा ओ३म ध्वज का ध्वजारोहण करके किया गया। इसके उपरांत शहर में शोभायात्रा निकाली गई जिसमें आर्य समाज नगर की संस्थाएं आर्य नगर गुरुकुल, कन्या गुरुकुल डोभी, गुरुकुल धीरणवास, कन्या गुरुकुल घिराय, स्त्री आर्य समाज, डीएवी के स्थानीय विद्यालय, गुरुकुल पंचगामा, भिवानी की कन्याएं व गुरुकुल विद्यापीठ कुंभा खेड़ा के ब्रह्मचारी लाठी, तलवार और व्यायाम, आसन आदि का रोमांचक प्रदर्शन किया। शहर में जगह-जगह शोभा यात्रा का स्वागत किया गया। शोभा यात्रा में भजन मंडलियों द्वारा समाज सुधार, ईश्वर भक्ति व देश भक्ति गीत भी गाए गए। इस भव्य शोभा यात्रा में अनेक महापुरुषों स्वामी दयानंद, लाला लाजपत राय, रानी लक्ष्मी बाई की झांकियां प्रदर्शित की गई।
ब्रह्मानंद सरस्वती ने बताया कि तीन दिन तक चलने वाले इस उत्सव में रात्रि कालीन बैठक व प्रात:कालीन सत्रों का आयोजन किया जागा। इस उत्सव में सामाजिक, धार्मिक और देशभक्ति से संबंधित विषयों पर विद्वान और उपदेश अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। स्वामी जी ने बताया कि उत्सव का समापन दिनांक 26 नवंबर को दोपहर 1:00 बजे होगा। समापन के पश्चात ऋषि लंगर की व्यवस्था रहेगी। इस अवसर पर संरक्षक बदलूराम आर्य, नरेंद्र पाल मिगलानी, देवेंद्र सैनी, सत्यप्रकाश गोयल, ओमप्रकाश सैनी, ब्रह्मानंद सरस्वती, महाबीर खेड़ा, सतेंद्र रावल, राधेश्याम आर्य, बलराज मलिक, नंदलाल चौपड़ा व कुलदीप ग्रोवर आदि मौजूद रहे।