मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव ने भाजपा संगठन के पदाधिकारियों से दूरी बना,,की पत्रकार वार्ता

:-संगठन और सरकार के सामंजस्य का आभाव तो नही मीडिया सचिव की पत्रकार वार्ता

          यमुनानगर हरियाणा

            सुशील पंडितभाजपा संगठन और हरियाणा सरकार के बीच समन्वय के आभाव की एक बानगी तब देखने को मिली जब हरियाणा के मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रेय ने अकेले ही जिला यमुनानगर की मीडिया को सम्बोधित किया। हालांकि मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रेय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरकार की उपलब्धियों को गिनवाते हुए भाजपा की सगठनात्मक दृष्टि से मजबूत होने की बात भी कही परन्तु इस वार्ता की सूचना जिला भाजपा कमल कार्यलय समेत अन्य किसी भी पदाधिकारी या नेता को नही मिली। मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव मंगलवार को जिला सचिवालय के सभागार में मीडिया कर्मियों से रूबरू हुए। मीडिया सचिव अत्रेय ने कहा कि पहले की सरकारें अपने चहेतों को सरकार में लाभ देते थे और गरीब व्यक्ति अपने अधिकार से वंचित रह जाता था परंतु मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा एक-हरियाणवी एक के नारे को कायम रखते हुए समान विकास किया है। यहाँ गौर करने वाली बात यह है कि अपने सम्बोधन में उन्होंने संगठन की भूमिका का ज़िक्र तक नहीं किया है हालांकि उन्हें सरकार की उपलब्धियों का बखान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है परंतु सरकार और संगठन के आपसी तालमेल से अभी तक सरकार के पक्ष में आने वाले सकारात्मक परिणामों की बात करने में उन्हें कदाचित कोई आपत्ति भी नहीं होनी चाहिए थी। मीडिया कर्मियों की ओर पूछे गए सवालों में सरकार की आगामी रणनीति एवं अभी तक सरकार द्वारा किए गए कार्य और विपक्षी दलों द्वारा सत्ता पक्ष के विरोध में किए जा रहा प्रचार से सम्बंधित बातें रही परन्तु इस दौरान भाजपा संगठन और सरकार के सामंजस्य की अल्पता से जुड़े प्रश्न नही हुए। आपको बता दें कि भाजपा संगठन और मौजूदा सरकार एक दूसरे के पूरक होने के साथ साथ,भारतीय राजनीति में एक महाशक्ति के रूप में कार्य कर रहे हैं और अभी तक के परिणामों की दृष्टि से संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका आंकी जा रही है। लेकिन ऐसे में मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव द्वारा संगठन को अनदेखा किया जाना कही न कही भाजपा संगठन और सरकार के बीच तालमेल का आभाव होने की ओर इशारा करने के लिए पर्याप्त हो सकता है। बहरहाल मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव द्वारा स्वंम ही पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करना और भाजपा संगठन के किसी पदाधिकारी का वार्ता के दौरान शामिल न होना जहाँ राजनीतिक दृष्टि से असामान्य है वंही सगठनात्मक रूप से भी भाजपा के संगठन के पदाधिकारियों के लिए भी नाराजगी का विषय बन सकता है।

फ़ोटो:-पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए प्रवीण अत्रेय