Saturday, December 21

श्रीराधाकृष्ण मन्दिर सैक्टर 40 ए चण्डीगढ़ द्वारा मे  श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन  25 नवम्बर तक  श्रीमद्भागवत कथा विदुषी श्री कीर्ति   

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 20 नवम्बर  :

किशोरी जी  के सानिध्य मे मंदिर परिसर में सांय 3:30 से 6:30 तक हो रही है आज  भागवत कथा विदुषीश्री कीर्ति किशोरी जी ने भागवत  कथा के दूसरे दिन  बताया कि भगवान सदैव ही अपने भक्तों के भक्ति भाव में बंधे होते हैं और वे भक्तों की पुकार को कभी भी अनसुना नहीं करते हैं। भक्त पर विपदा आने पर भगवान स्वयं ही उसे हरने के लिए कष्ट सहते हैं, किन्तु भक्तों को कोई कष्ट नहीं होने देते हैं। इस कलयुग रूपी भवसागर से पार पाने का एकमात्र उपाय प्रभु का नाम सुमिनर करना ही है। प्रभु नाम सुमिरन करने पर ही भवसागर से पार पाया जा सकता है कथा ब्यास ने परीक्षित जन्म, कलयुग का प्रवेश, कर्दम ऋषि व देवाहुति के विवाह के बाद जन्मे कपिल भगवान की कथा का सारगर्भित वृतांत सुनाया गया। उन्होंने कहा कि जन्म से मृत्यु तक जीव सुख की तलाश में रहता है उसे वह सुख केवल भगवत प्रेम से ही प्राप्त होता है। भागवत कथा के दौरान परीक्षित जन्म का सविस्तान वर्णन किया गया। वहीं कपिल चरित्र का भी वर्णन किया गया। कपिल भगवान ने माता देवहूति से कहा कि ये आसशक्ति ही सुख-दुख का कारण है। यदि संसार में आसक्ति है तो दुख का कारण बन जाती है। यही आसक्ति भगवान और उनके भक्त में हो जाए तो मोक्ष का द्वार खुलता है। और कृष्ण जी के भजनों का गुणगान 

कार्यक्रम  के समय सभा के अध्यक्ष श्री बी पी अरोड़ा  महासचिव  श्री विनय कपूर  तथा के सभी पदाधिकारी एंव सदस्य उपस्थित रहे।