पंचांग, 20 नवम्बर 2023

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 20 नवम्बर 2023 :

नोटः सप्तमी तिथि का क्षय है। आज गोपाष्टमी पर्व है। एवं पुष्कर मेला प्रारम्भ (राजस्थान) है।

नोटः आज प्रातः काल 10.08 से पंचक प्रारम्भ हो रहे हैं, पंचक काल में तृण, काष्ठ, धातु का संचय व भवन निर्माण और नवीन कार्य तथा यात्रा आदि कर्म वर्जित होते हैं।पंचक काल में शव दाह का भी निषेध होता है।चूंकि शव को इतनी लंबी अवधि हेतु रोकना देश काल परिस्थिति के अनुसार मुश्किल हैं, अतः योग्य वैदिक ब्रह्मण की सलाह लेकर पंच पुतलों का दाह और पंचक नक्षत्रों की शांति विधि पूर्वक करानी चाहिए। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि मृतक व्यक्ति के परिवार व संबंधियों में से ही पॉच व्यक्तियों के अकालमृत्यु होने की आशंका बनी रहती है।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः कार्तिक, 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः अष्टमी रात्रि काल 03.17 तक 

वारः सोमवार। 

नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः धनिष्ठा रात्रि काल 09.26 तक है, 

योगः ध्रुव रात्रि काल 08.35 तक, 

करणः विष्टि,  

सूर्य राशिः वृश्चिक, चन्द्र राशिः मकर,

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.52, सूर्यास्तः 05.21 बजे।