शहर 18 नवंबर को चीनी युद्ध का रेज़ांग ला डे मनाएगा
- पंजाब के राज्यपाल होंगे मुख्य अतिथि
- तीन परमवीर चक्र पुरस्कार विजेता भी भाग लेंगे
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 16 नवम्बर :
चंडीगढ़ का प्रसिद्ध थिंक-टैंक सुविचार, जिसकी स्थापना पूर्व सेनाध्यक्ष पीवीएसएम, एवीएसएम जनरल वीपी मलिक, पूर्व आईएएस अधिकारी श्री विवेक अत्रे, और ट्राइसिटी के अन्य समान विचारधारा वाले प्रतिष्ठित नागरिकों ने की थी, 18 नवंबर 2023 को सुबह 10:30 बजे बैनियन ट्री स्कूल, सेक्टर 48 बी चंडीगढ़ में रेज़ांग ला डे मनाएगा।
पंजाब के गवर्नर एवं यू टी चंडीगढ़ के एडमिनिस्ट्रेटर ने बड़ी विनम्रता से मुख्य अतिथि बनना स्वीकार कर लिया है। इस कार्यक्रम में प्रशासन, पुलिस, सशस्त्र बल और न्यायपालिका के कई वरिष्ठ अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है।
कन्वीनर कर्नल (रिटायर्ड) डी एस चीमा ने आज यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “रेज़ांग ला एक ऐसी लड़ाई थी जिसने हमारी महान सेना के अदम्य और फौलादी साहस, हिम्मत, वीरता और गौरव का एक असाधारण उदाहरण स्थापित किया है, जिसे दुनियां में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।” मुझे चार्ली कंपनी ऑफ अहीरों के 104 सैनिकों को सलाम करने पर गर्व है, जिन्होंने सभी बाधाओं के बावजूद चीनियों से लड़ाई की और अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। मेजर शैतान सिंह, परमवीर चक्र, भारत के एक महान सपूत थे जिन्होंने दुश्मन के सामने अत्यंत साहस दिखाया और अपनी मातृभूमि के सम्मान के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
महान राष्ट्र अपने नायकों को कभी नहीं भूलते और भारत में सशस्त्र बलों के बलिदान का सम्मान करने की परंपरा है। हमारी सशस्त्र सेनाएं कर्तव्य के प्रति समर्पण, नैतिक व्यावसायिकता और मातृभूमि के प्रति प्रेम का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। प्रत्येक भारतीय को उन पर गर्व है और एक कृतज्ञ राष्ट्र उनके प्रति कृतज्ञता का ऋणी है।
हम भाग्यशाली हैं कि तीन परमवीर चक्र पुरस्कार विजेता, ऑनरी कैप्टन (रिटायर्ड) बाना सिंह, ऑनरी कैप्टन (रिटायर्ड) योगेन्द्र सिंह यादव और सूबेदार-मेजर (रिटायर्ड) संजय कुमार अपनी उपस्थिति से रेज़ांग ला डे स्मरणोत्सव कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे। यह अपनी तरह का पहला आयोजन होगा जहां तीन जीवित दिग्गज एक साथ एक मंच पर होंगे।
इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्रालय द्वारा रेज़ांग ला पर तैयार की गई फिल्म की स्क्रीनिंग शामिल होगी। इस बीच, एनसीसी कैडेटों और अन्य छात्रों को परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं से बात करने का मौका मिलेगा। इस अवसर पर भारतीय सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी और कारगिल युद्ध के दिग्गज मेजर डीपी सिंह, जिन्हें भारत के पहले ब्लेड रनर के रूप में जाना जाता है, भी उपस्थित रहेंगे।