विश्व प्रीमेच्योरिटी दिवस पर विशेष
- मां के सीने से लगकर बच सकती है मरते हुए बच्चे की भी जान, कंगारू केयर प्रीमैच्योर शिशु के लिए रामबाण
- शिशु के विकास और स्वास्थ्य के लिए मां का प्यार और दुलार बहुत जरूरी होता है , विशेष रूप से यदि शिशु समय से पहले जन्म ले ले और कंगारू केयर इसका सबसे आसान तरीका है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 16 नवम्बर :
17 नवंबर को विश्व प्रीमेच्योरिटी दिवस, जो पूर्मजात शिशुओं और उनके परिवारों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है, उसमें कंगारू मदर केयर के रूप में आशा का एक प्रकाश डालना आवश्यक हो जाता है। कंगारूओं के शरीर पर एक पाउच होता है जिसमें वो अपने बच्चे को रखते हैं। इस तरह बच्चा पूरे दिन अपने पेरेंट के पास रहता है और उनकी देखभाल और दुलार का आनंद ले पाता है। मां के बैली पाउच में बच्चा खुद को सबसे ज्यादा सुरक्षित महसूस करता है। इसे कंगारू केयर कहते हैं जो कि हम इंसानों में भी होती है , बताया डॉ सनी नरूला ने ।
जब एक बच्चा जल्दी पैदा होता है, तो मातृत्व की राह में अप्रत्याशित मोड़ आ जाता है। समय से पहले बच्चे के पालन-पोषण के साथ आने वाली चिंता, अनिश्चितता और परेशानी का भावनात्मक बवंडर माता-पिता के लिए संभालना बहुत मुश्किल हो सकता है, बताया डॉ. सनी नरूला, नियोनेटोलॉजिस्ट, मदरहुड अस्पताल ने ।
उन्होंने कहा की स्टडी के अनुसार “कंगारू मदर केयर (केएमसी) एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है जिसने समय से पहले जन्मे शिशुओं के माता-पिता के लिए उल्लेखनीय मनोवैज्ञानिक लाभ दिखाए हैं। जब कोई बच्चा समय से पहले पैदा होता है, तो माता-पिता अक्सर चिंता, अनिश्चितता और घबराहट सहित भावनाओं के बवंडर का अनुभव करते हैं। हालाँकि, केएमसी इन चुनौतियों के बीच प्रकाश की किरण के रूप में कार्य करता है, जो समय से पहले जन्मे शिशु को शारीरिक लाभ के साथ-साथ महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक सहायता भी प्रदान करता है।”