भगवान कृष्ण ने ब्रजवासियों की रक्षा के लिए उठाया था गोवर्धन पर्वत : कुलभूषण गोयल

डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 14 नवम्बर  :

श्री वनखणडी दुर्गा मंदिर अमरावती एनकलेव में भगवान गिरिराज, गोवर्धन नाथ को 56 भोग अर्पण कर मनाया गया। इस अवसर पर पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल ने अपनी धर्मपत्नी अंजू गोयल, भाई हरगोबिंद गोयल एवं परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पूजा अर्चना की। पांच दिन के दीपावली महापर्व में चौथे दिन गोवर्धन की पूजा अर्चना की जाती है और हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजन करने का विधान है। कुलभूषण गोयल ने बताया कि इस तिथि को अन्नकूट के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस दिन घरों में अन्नकूट का भोग बनाया जाता है। गोवर्धन पूजन के दिन घरों में गोबर से गोवर्धन महाराज की प्रतिमा बनाई जाती है और पूरे परिवार के साथ शुभ मुहूर्त में पूजन किया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक मास की प्रतिपदा तिथि को देवराज इंद्र की पूजा हुआ करती थी लेकिन भगवान कृष्ण ने ब्रजवासियों से कहा कि पूजा का कोई लाभ नहीं मिल रहा है इसलिए देवराज इंद्र की पूजा ना करें। भगवान कृष्ण की बात मानकर ब्रजवासियों ने पूजा नहीं की। जब यह जानकारी इंद्र को मिली तो इंद्रदेव ने अपने घमंड के चलते पूरे ब्रज में तूफान और बारिश का कहर मचाया। तब भगवान कृष्ण ने ब्रजवासियों की रक्षा के लिए अपनी कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की था और इंद्र के घमंड को तोड़ा था। साथ ही भगवान को सभी तरह की मौसमी सब्जियों से तैयार अन्नकूट को भोग लगाया था। तब से हर साल इस तिथि पर गोवर्धन पूजा की जाती है और अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।