डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 08 नवम्बर :
भारत में कंप्रेस्ड बायोगैस तैयार करने वाली कंपनी एवरएन्वायरो रिसोर्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने कंप्रेस्ड बायोगैस की बिक्री के लिए टॉरंट गैस के साथ समझौता किया है। कंप्रेस्ड बायोगैस की आपूर्ति पंजाब में गेल इंडिया लिमिटेड, चंडीगढ़ के जरिये होगी। इस समझौते से उपभोक्ताओं के लिए स्वच्छ ईंधन ही तैयार नहीं होगा बल्कि पंजाब राज्य में पराली जलाने पर भी अंकुश लगेगा। पराली जलना ही पड़ोसी राज्यों में धुंध और स्मॉग का प्रमुख कारण है।
समझौते के मुताबिक बायोगैस का उत्पादन पंजाब में एवरएन्वायरो की संगरूर आरएनजी प्राइवेट लिमिटेड तथा पटियाला आरएनजी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। सीजीडी सिन्क्रोनाइजेशन स्कीम के तहत इस समझौते पर हस्ताक्षर के साथ ही पंजाब ने राज्य में पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा को बढ़ावा देने में बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
इस प्रतिष्ठित साझेदारी के तहत धान की भूसी से कंप्रेस्ड बायोगैस बनाकर कृषि कचरे को कीमती संसाधनों में तब्दील करने का संकल्प साकार हुआ है। प्रत्येक संयंत्र रोजाना करीब 15 टन कंप्रेस्ड बायोगैस/बायो सीएनजी बना सकता है और एक वर्ष में धान की 40,000 टन से भी ज्यादा पराली का इस्तेमाल कर सकता है।
इन संयंत्रों में कंप्रेस्ड बायोगैस के उत्पादन से लगभग 40,000 एकड़ खेत में पराली जलना बंद हो सकता हैए जिससे कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में हर वर्ष लगभग 27826 टन की कमी आ सकती है।
समझौते की जानकारी देते हुए एवरएन्वायरो रिसोर्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ महेश गिरधर ने कहा, ये संयंत्र केवल पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा उत्पादन के लिए नहीं हैं बल्कि ये चक्रीय अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ते ठोस कदम के भी प्रतीक हैं। इनका लक्ष्य कचरा कम करनाए वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाना और समाज को अधिक स्वच्छ ऊर्जा का स्रोत प्रदान करना है।
गिरधर ने कहा, सभी सुविधाओं से संपन्न आधुनिक संयंत्रों से बहुआयामी प्रभाव पड़ता है। ये कृषि अवशेष से निपटारे का पर्यावरण के अनुकूल समाधान देते हैं और स्थानीय समुदायों की आजीविका मजबूत कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी ताकत देते हैं।
पंजाब में एवरएन्वायरो के कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र प्रत्येक परियोजना से ग्राम स्तर के लगभग 1500 उद्यमियों को आय का स्रोत प्रदान करते हैं। ये उद्यमी संगरूर और पटियाला में दोनों सयंत्रों के लिए बायोमास के रूप में धान की भूसी और गट्ठर मुहैया कराते हैं। इन संयंत्रों में हर वर्ष 25000 टन जैविक खाद बनाने की क्षमता हैए जिससे मिट्टी का स्वास्थ्य बेहतर होता हैएऔर रीजेनरेटिव खेती ;रासायनिक उर्वरकों से मिट्टी को होने वाले नुकसान की भरपाई करने वाली खेतीद्ध को बढ़ावा मिलता है। एवरएन्वायरो पूरे पंजाब में कंप्रेस्ड बायो गैस की अन्य 8 और परियोजनाएं भी तैयार कर रही है।