जो लोग साधना का करते हैं दुरपयोग उन्हें मिलता है नकारात्मक फल : स्वामी श्री कमलानंद जी महाराज 

  • श्री राम भवन में वार्षिक कार्तिक महोत्सव का नौवां दिन
  • महाराज जी ने स्वप्न पर भी की चर्चा, कहा-स्वप्न अनेकों बार करवा देते हैं पहले से ही अच्छा-बुरा होने का आभास 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतों- 06 नवम्बर  :

श्री कल्याण कमल आश्रम हरिद्वार के अनंत श्री विभूषित 1008 महामंडलेश्वर स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि स्वप्न भी व्यक्ति को कुछ न कुछ संदेश देते हैं। अनेकों बार स्वप्न पहले से ही अपने साथ होने वाली घटनाओं को आभास करवा देते हैं। सपने अच्छे और बुरे संदेश पहले ही दे देते हैं। अनेकों बार सपने बाद में साकार हो जाते हैं। भगवान शंकर के तेज से उत्पन्न जलंधर की पत्नी वृंदा को भी अपने पति को लेकर पहले ही दुस्वप्न आ गया था।  महामंडलेश्वर स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज ने ये विचार टिब्बी साहिब रोड स्थित श्री राम भवन में आयोजित वार्षिक कार्तिक महोत्सव के आठवें दिन श्रद्धालुओँ के विशाल जनसमूह के समक्ष कार्तिक महात्म्य पर चर्चा करते हुए व्यक्त किए। स्वामी जी ने कहा कि साधना देवता भी करते थे और राक्षस भी। मगर राक्षस हमेशा ही साधना का दुरपयोग करते थे। जबकि देवता साधना का हमेशा सदुपयोग करते थे। देवता व ऋषि-मुनि दूसरों के कल्याण के लिए साधना करते थे। जो लोग साधना का सदुपयोग करते हैं उनको सकारात्मक फल मिलता है। जो लोग साधना का दुरपयोग करते हैं उनको नकारात्मक फल मिलता है। महाराज जी ने कार्तिक माह में विष्णु जी व तुलसी पूजा का महत्व बताते हुए कहा कि ये माह भगवान चतुर्भुज नारायण एवं तुलसी पूजा को समर्पित है। इस माह भगवान चतुर्भुज नारायण की पूजा-अर्चना एवं तुलसी पूजा का विशेष महत्व है। तुलसी पूजन करने वाला भक्त मुक्ति को पाता है। कार्तिक माह में गंगा स्नान का भी बहुत लाभ है। जो भक्त आंवला और तुलसी को पानी में मिलाकर स्नान करता है उसे भी गंगा स्नान का फल मिलता है। कार्तिक माह में जो भक्त आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान विष्णु का जप करता है सभी तीर्थों के फल को पाता है। महाराज जी ने श्रद्धालुओं को तुलसी, आंवला एवं रुद्राक्ष की माला धारण करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि तुलसी, आंवला एवं रुद्राक्ष की माला धारण करनी चाहिए। जितने दिन आंवला की माला गले में रहती है उतने हजार युग भक्त बैकुंठ धाम का आनंद ही लेता है। इस मौके श्रद्धालु भजनों की गंगा में डुबकियां लगाते झूमते हुए नजर आ रहे थे।प्रवक्ता रमन जैन ने बताया कि महामंडलेश्वर स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज का जन्मदिवस भी इस बार श्री राम भवन मंदिर के प्रांगण में ही 21 नवंबर को धूमधाम से मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि दीपावली के बाद से एक सप्ताह लगातार शाम के समय श्री महांमृत्युंजय जाप, श्री दुर्गा स्तुति पाठ, श्री सुंदर कांड पाठ सहित अन्य पाठ शुरु होंगे।