जगाधरी में कोन बनेगा करोड़पति विजेता तेजिंदर कौर द्वारा विद्यार्थियों के लिए प्रेरक कार्यशाला का आयोजन
सेंट लारेंस इंटरनेशनल स्कूल, जगाधरी में कोन बनेगा करोड़पति विजेता तेजिंदर कौर द्वारा विद्यार्थियों के लिए प्रेरक कार्यशाला का आयोजन
सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 06 नवम्बर :
सेंट लारेंस इंटरनेशनल स्कूल, पाबनी रोड़, जगाधरी में चेयरपर्सन डॉ० रजनी सहगल के दिशा-निर्देशन में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए कौन बनेगा करोड़पति विजेता तेजिंदर कौर द्वारा एक स्पेशल सेशन का आयोजन किया गया । कार्यशाला के मुख्य वक़्ता का सभी शिक्षकों और अधिकारियों ने स्वागत किया। सर्वप्रथम विद्यार्थियों को तेजिंदर कौर के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा गया कि कौन बनेगा करोड़पति के सीजन-15 में 50 लाख रुपये धनराशि की विजेता रही है। एक करोड़ रुपये का सवाल के लिए उनके पास दो लाइफ लाइन उपलब्ध होने के बावजूद पक्का जवाब न मिलने की स्थिति में उन्होंने खेल से क्विट कर लिया और 50 लाख रुपये की विजेता बनीं। तेजिंदर कौर यमुनानगर में ही पीएनबी में मैनेजर थी और अभी कुछ समय पहले ही उन्होंने वीआरएस ली। उनके पति भी बैंक में ही कार्यरत हैं और बच्चे विदेश में सेवारत हैं। वक्ता तेजिंदर कौर ने बताया कि कौन बनेगा करोड़पति के पहले सीजन से शो में जाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कभी भी हर नहीं मानी और लम्बे अंतराल के बाद इस बार उन्हें सफलता मिली और केबीसी की हॉट सीट पर जाने का मौका मिला। उन्होंने बताया कि हॉट सीट पर बॉलीवुड इंडस्ट्री के बादशाह अमिताभ बच्चन के सामने बैठकर खेलना उनके लिए एक अलग ही अनुभव रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि उन्होंने केबीसी की तैयारी और ज्ञानवर्धन के लिए अखबार के साथ-साथ मैग्जीन का बहुत प्रयोग किया। साथ ही टीवी के माध्यम से भी देश दुनिया की सारी जानकारी एकत्रित की और जनरल नॉलेज की किताबें भी पढ़कर ज्ञान अर्जन किया। उन्होंने विद्यार्थियों को ज्ञानार्जन के लिए इन सभी बातो को प्रयोग में लाने के लिए प्रेरित किया। स्कूल के चेयरमेन विख्यात शिक्षाविद डॉ एम् के सहगल ने बताया कि केबीसी में पहली बार शुरू हुए सुपर संदूक को जीतने वाली वह पहली महिला बनीं जिन्होंने 90 सेकेंड में सभी 10 सवालों के सही जवाब दिए।उन्होंने विद्यार्थियों को उनसे प्रेरणा लेकर ज्ञानवर्धन के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पहले सीजन से रजिस्ट्रेशन का प्रयास करने पर उन्हें सफलता नहीं मिली, इसके बावजूद हार ना मानकर वह सदैव अपने लक्ष्य की और अग्रसर रही और उसे प्राप्त किया। इससे विद्यार्थियों को जीवन में कभी भी हार ना मानने कि सीख लेनी चाहिए।
उन्होंने हरिवंश रॉय बच्चन की कविता “हिम्मत करने वालो की कभी हार नहीं होती” भी पड़ी। कार्यशाला के दौरान डॉ एम् के सहगल, डॉ रजनी सहगल, प्रिंसिपल चारु डी राध्यान, डॉ. जी. बी. गुप्ता, गगन बजाज, ब्रह्मकान्ति शर्मा, सभी शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।