रैगिंग करना कानूनी व सामाजिक अपराध, सजा का है प्रावधान : हिमाद्री कौशिक
सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 31 अक्टूबर :
रैगिंग करना अपराध है और इस अपराध में सजा का भी प्रावधान है । रैगिंग के चक्कर में अपना भविष्य खराब न कर, अच्छे डॉक्टर बन लोगों की सेवा करें। यह कहना है अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांदरी कौशिक का, जो डीएवी डेंटल कॉलेज में प्रथम वर्ष के बच्चों को रैगिंग के दुष्प्रभाव से अवगत करवा रही थी। उन्होंने कहा कि रैगिंग आमतौर पर डॉक्टर व इंजीनियरिंग शिक्षा प्राप्त करने वाले कॉलेजों में होती रही है लेकिन अब जब से सुप्रीम कोर्ट इस को लेकर सख्त हुआ है तब से रैगिंग के मामलों में बहुत कमी आई है। उन्होंने प्रथम वर्ष के बच्चों को साइबर क्राइम से बचने की भी सलाह दी। इस दौरान डीसी आई प्रेसिडेंट डॉ अंकिता जैन ने सभी को रैगिंग के खिलाफ शपथ दिलाई ।
डीसी आई प्रेसिडेंट प्राचार्य डॉक्टर अंकिता जैन ने कहा कि सीनियर को जूनियर के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए क्योंकि वह स्कूली शिक्षा ग्रहण करने के बाद कॉलेज में प्रवेश करते हैं । उन्होंने कहा कि सीनियर को अपने जूनियर के साथ ऐसा मजाक भी नहीं करना चाहिए जो उसको मानसिक पीड़ा दे क्योंकि यह सब रैगिंग में आता है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर बनकर वह मरीजों का इलाज करें ना की रैगिंग के कारण अपना भविष्य धूमिल करें।उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सभी कॉलेजों में एंटी रैगिंग कमेटियां बनी हुई है और उन्हें अधिकार है कि वह रैगिंग करने वाले बच्चों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सके। कॉलेज प्राचार्य डॉ आई के पंडित ने कहा कि कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी बनी हुई है और इसमें सभी वर्गों के लोगों को शामिल किया गया है तथा कमेटी सदस्यों की सूची कॉलेज में जगह-जगह पर लगाई गई है ताकि जरूरत पड़ने पर छात्र इन सदस्यों की मदद ले सकें।
उन्होंने कहा कि कॉलेज का इतिहास रहा है कि आज तक इस कॉलेज में रैगिंग का कोई मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि कॉलेज में बच्चों को स्वास्थ्य शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा का भी पाठ पढ़ाया जाता है यही कारण है कि बच्चे रैगिंग के चक्कर में न पड़कर बेहतर बनने की ओर प्रयासरत रहते हैं।
मौके पर डॉक्टर डीके सोनी, डॉक्टर नीरज गुगनानी, डॉक्टर निफिया पंडित विशेष रूप से उपस्थित रहे।