डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 30 अक्टूबर :
राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या श्रीमती कामना के कुशल नेतृत्व में प्लेसमेंट सेल की ओर से हिंदी भाषा में रोजगार के अवसर और संभावनाएं विषय पर व्याख्यान का सफल आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉक्टर संगम वर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हिंदी भाषा के बढ़ते चलन के कारण और वैश्विक रूप में रोजगार की अनेक संभावनाएं हैं। विविध क्षेत्रों में हिंदी के बढ़ते योगदान के कारण इसे नई दृष्टि से देखा जा रहा है। सभी सरकारी अधिकारियों को दफ्तरों में अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी का उपयोग अनिवार्य बताया गया है। आदेश, नियम, अधिसूचना, प्रतिवेदन, प्रेस विज्ञप्ति, निविदा, अनुबंध व विभिन्न प्रारूपण को हिंदी में बनाना और जारी करना अनिवार्य है। सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों में हिंदी अधिकारी की नियुक्ति होती है। इसके अलावा अनुवाद आज सबसे बड़ा रोजगार बनता जा रहा है। न केवल साहित्यिक किताबें बल्कि मीडिया, फिल्म, जनसंपर्क, बैंकिंग क्षेत्र, विज्ञापन आदि सभी जगह पर अनुवाद करने वालों की काफी मांग है। टीवी पर तमाम चैनलों के मूल अंग्रेजी कार्यक्रम हम रोज अंग्रेजी हिंदी में लिखते हैं। विज्ञापन आज के मानवीय जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों ने विज्ञापन के व्यवसाय में एक प्रकार की क्रांति पैदा कर दी है। विज्ञापन बाजार पर हिंदी का ही कब्जा है। आज भारतीय विज्ञापन उद्योग ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी एक अलग पहचान बना ली है। हिंदी का अध्ययन करने वाले छात्रों के बीच पत्रकारिता रोजगार के एक आकर्षक विकल्प के रूप में सामने आया है। सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले समाचार पत्र और सबसे ज्यादा देखे जाने वाले समाचार चैनलों में दो तिहाई से अधिक हिंदी भाषा के ही हैं। समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, समाचार चैनलों आदि में रोजगार के अनेक अवसर हैं। फील्ड में रिपोर्टर, प्रेस ,फोटोग्राफर, संपादकीय विभाग में उप संपादक, कॉपीराइटर, उद्घोषक के रूप में कार्य कर सकते हैं।इसके अलावा रेडियो जॉकी एक ड्रामा अकाउंट ऐसा कैरियर है जिसमें हमारी आवाज देश दुनिया में सुनी जाती है। हिंदी में एम.ए. करने के बाद हम महाविद्यालय में लेक्चरार भी बन सकते हैं। प्रस्तुत कार्यक्रम हिंदी विभाग की अध्यक्षा प्रोफेसर डॉ बिंदु, प्रोफेसर डॉ नीरू शर्मा, प्रोफेसर डॉ कविता, प्रोफेसर डॉ गीता, प्रोफेसर डॉ रमाकांत और प्लेसमेंट सेल की प्रोफेसर सुनीता चौहान के मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में किया गया।