अब भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी के गठन पर टिकी निगाहें , कार्यकर्ताओं – नेताओं में बैचेनी
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 28 अक्टूबर :
बीजेपी चंडीगढ़ के नए अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा की ताजपेशी के बद अब सभी की निगाह नई प्रदेश कार्यकारिणी के गठन पर केंद्रित हो गई है। अभी तक पिछले अध्यक्ष अरुण सूद की ओर से मार्च 2020 में गठित प्रदेश कार्यकारिणी और तमाम प्रकोष्ठ ही अस्तित्व में चल रहे हैं। प्रदेश कार्यकारिणी के गठन का अधिकार अध्यक्ष के हाथों में होता है। जाहिर है कार्यकारिणी में जगह बनाने के लिए नेताओं और कार्यकर्ता जुगात लड़ाने में जुटे हुए हैं। पिछले दिनों सूद के बदले जाने के बाद ही उनके समर्थकों में बैचेनी बढ़ी हुई है। अटकले हैं कि नए अध्यक्ष कार्यकारिणी में बदलाव कर सकते हैं। अब यह नए अध्यक्ष के विवेक पर पूरी तरह से निर्भर करेगा कि वह पिछली कार्यकारिणी में थोड़ा बहुत फेरदबल कर दें या फिर पूरी ही कार्यकारिणी में बदलाव कर दें। वहीं, कार्यकताओं में खलबली का आलम यह है कि कार्यकर्ता अपना नंबर लगाने के लिए पार्टी ऑफिस में चक्कर लगाते फिर रहे हैंं। सूत्र बताते हैं कि मल्होत्रा ने फेरबदल की दिशा में पार्टी ऑफिस से जुड़े तंत्र में बदलाव कर आगे के संकेत दे दिए हैं। जाहिर है नए अध्यक्ष के तेवर से विशेषकर सूद समर्थकों में चिंता में आ गए हैं।
सूद के कार्यकाल के दौरान जिलाध्यक्ष से लेकर मंडल अध्यक्ष की तैनाती गई थी, अब देखने वाली बात यह होगी कि मल्होत्रा पूरानी टीम पर ही भरोसा जताते हैं या फिर पूरी टीम की बदल देते हैं।
मेयर चुनाव से लेकर लोक सभा चुनाव के लिए कम समय, कार्यकारिणी का गठन को लेकर स्थिति जल्द स्पष्ट करनी होगी
वहीं, जनवरी में पहले मेयर चुनाव और उसके बाद लोक सभा चुनाव के लिए थोड़ा ही समय बचा है, ऐसे में प्रदेश कार्यकारिणी के गठन को लेकर स्थिति भी जल्द स्पष्ट करना जरूरी बना हुआ है। प्रदेश कार्यकारिणी के गठन के बाद ही आगामी चुनावों को लेकर रणनीति तैयार हो सकेगी।
अपने करीबियों को कार्यकारिणी में जगह दिलाने के लिए बड़े नेता कर रहे लॉबिंग
वहीं, कहा जा रहा है कि अपने करीबियों को कार्यकारिणी में जगह दिलाने के लिए बड़े नेता लॉबिंग कर रहे हैं। माना जा रहा है किे कार्यकारिणी में किन किन को जगह मिलेगी यह भी संघ से ही तय होगा। शहर में इस वक्त
सांसद किरण खेर, पूर्व सांसद सत्यपाल जैन से लेकर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और हिमाचल के सह-प्रभारी संजय टंडन से लेकर सूद का गुट सक्रिय है। अटकलें है कि सभी अपने करीबियों को कार्यकारिणी में जगह दिलाने के लिए जोर-आजमाइश कर रहे हैं। देखने वाली बात यह होगी कि इस पूरी कवायद में किस नेता का सिक्का चल पता है। कार्यकारिणी के गठन के बाद पहले ही कई खेमों में बंटी पार्टी में प्रतिक्रिया के तौर पर रूठों को मनाए जाने की खासी मशक्त करनी पड़ सकती है।