पंजाब का सबसे बड़ा हेल्थकेयर नेटवर्क आइवी हॉस्पिटल स्ट्रोक कार्यक्रम प्रबंधन में अग्रणी
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 27 अक्टूबर :
विश्व ब्रेन स्ट्रोक दिवस के अवसर पर आइवी हॉस्पिटल मोहाली के डॉक्टरों की टीम न्यूरोइंटरवेंशन एंड एंडोवस्कुलर सर्जरी डॉ. विनीत सग्गर, कंसल्टेंट न्यूरो सर्जरी डॉ. जसप्रीत सिंह रंधावा, कंसल्टेंट न्यूरोलॉजी डॉ. स्वाति गर्ग और कंसल्टेंट न्यूरोलॉजी डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा ने आज चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एक स्ट्रोक हेल्पलाइन नंबर लॉन्च किया।
डॉ. विनीत सग्गर ने कहा, “आइवी ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल अब पूरे पंजाब में सबसे बड़ी स्ट्रोक रेडी हॉस्पिटल चेन चला रहा है। पूरे पंजाब में ग्रुप के सभी 5 अस्पताल कैथ लैब और कॉम्प्रिहेंसिव न्यूरो टीमों से पूरी तरह लेस्स हैं।“
डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया की स्ट्रोक भारत में नई महामारी के रूप में उभर रहा है और हर साल देश भर में 1.5 से 2.0 मिलियन नए स्ट्रोक के मामले सामने आ रहे हैं। वास्तविक संख्या निश्चित रूप से अधिक होगी, क्योंकि इनमें से कई मरीज कभी भी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं तक नहीं पहुंच पाते हैं। भारत में प्रतिदिन लगभग 3000-4000 स्ट्रोक होते हैं और 2-3% से अधिक का इलाज नहीं हो पाता है। दुनिया भर में स्ट्रोक की दर प्रति 100,000 जनसंख्या पर 60-100 मामले प्रति वर्ष है, जबकि भारत में यह प्रति 100,000 प्रति वर्ष 145-145 मामले के करीब है। वैश्विक स्तर पर सभी स्ट्रोक रोगियों में से 60% भारत में हैं।
डॉ. जसप्रीत सिंह रंधावा ने बताया कि अब “मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी” नामक एक नई तकनीक के कारण, जो अब आइवी अस्पताल मोहाली में उपलब्ध है, इन रोगियों का इलाज 24 घंटों तक चयनित मामलों में किया जा सकता है। इस तकनीक में मस्तिष्क को खोले बिना थक्के को या तो एस्पिरेट किया जाता है या स्टेंट की मदद से मस्तिष्क से बाहर निकाला जाता है।
डॉ. स्वाति गर्ग ने कहा, “भारत जैसे विकासशील देश कम्युनिकेबल और नॉन-कम्युनिकेबल रोगों के दोहरे बोझ का सामना कर रहे हैं। स्ट्रोक भारत में मृत्यु और विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। संतुलन, आंखें, चेहरा, हाथ, वाणी और समय (BEFAST) में परिवर्तन यह जानने के लिए महत्वपूर्ण हैं कि क्या कोई व्यक्ति निकट भविष्य में स्ट्रोक से गुजरेगा। चेहरे का असमान होना जैसे मुंह झुका हुआ होना, एक हाथ नीचे की ओर लटका हुआ होना और अस्पष्ट वाणी स्ट्रोक के कुछ सामान्य लक्षण हैं।