मुख्यमंत्री द्वारा लोगों को राज्य में सांप्रदायिक सदभावना, भाईचारक सांझ और अमन-शांति की जड़ें मज़बूत करने के लिए सौहार्द के साथ काम करने का न्योता
पंजाब की उपजाऊ धरती पर कुछ भी उग सकता परन्तु नफ़रत का बीज नहीं फूटेगा
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ (राकेश शाह) : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज लोगों को राज्य में सांप्रदायिक सदभावना, भाईचारक सांझ और अमन-शांति की जड़ों को मज़बूत करने के लिए सौहृर्द होकर काम करने का न्योता दिया।
आज यहाँ श्री राधा गोपीनाथ मंदिर का उद्घाटन करने के बाद इक्ट्ठ को संबोधन करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक मौका है क्योंकि यह नया बना मंदिर लोगों को मानवता की निष्काम सेवा के लिए प्रेरणा देने के लिए समर्पित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज समय की ज़रूरत है कि हर व्यक्ति को अपने आप को लोक भलाई के लिए समर्पित करना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आज की यह सभा लोगों की भलाई के मकसद के साथ उपस्थित हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सामाजिक सांझ इतनी मज़बूत है कि पंजाब की उपजाऊ धरती पर कोई भी बीज उग सकता है परन्तु यहाँ नफ़रत का बीज किसी भी कीमत पर नहीं फूटेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब महान गुरूओं, संतों और पीरों-पैगंबरों की पवित्र धरती है, जिन्होंने हमें आपसी प्यार और सहनशीलता का मार्ग दिखाया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाबियों ने हमेशा प्रेम-प्यार और सदभावना की जड़ों को मज़बूत करके जबर, ज़ुल्म और बेइन्साफ़ी का विरोध किया है।
समाज में आध्यात्मिक ज्ञान के प्रसार के लिए इसकोन सोसायटी के प्रयासों की सराहना करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे एकता, शांति और सदभावना के मूल्यों पर पहरा देने और जीवन के असंतुलन को रोकने के लिए आध्यात्मक तकनीकों को अपनाने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि भारत ख़ास कर पंजाब मेलों और त्योहारों की धरती है जोकि ‘अनेकता में एकता’ के गुणों के साथ-साथ राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शानदार विरासत का प्रतीक है। भगवंत सिंह मान ने लोगों को जाति, रंग, नस्ल और धर्म के भेदभाव से ऊप उठ कर लोगों में प्यार, शांति और भाईचारक सांझ का संदेश देने का न्योता दिया।
दशहरे के त्योहार पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने उनको इस त्योहार के संदेश की भावना के साथ सामाजिक बुराईयों के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलंद करने का न्योता दिया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह त्योहार बुराई पर नेकी की जीत का प्रतीक है, जोकि भारतीय मूल्यों और भावनाओं का मूल केंद्र है। उन्होंने कहा कि इस त्योहार के मद्देनज़र राज्य में से भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी, नशों आदि जैसी बुराईयों का सफाया करने के लिए पंजाब सरकार अपना फ़र्ज़ समझती है।