पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 24 अक्टूबर 2023 :
नोटः आज विजया दशमी दशहरा पर्व एवं अपाराजिता पूजन एवं शमी वृक्ष पूजन है। आज आयुध (शस्त्र) पूजा एवं सीमोल्लघंन है। एवं श्रीमाधावचार्य जयंती है।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः आश्विनी,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः दशमी अपराहन् कालः 03.15 तक,
वारः मंगलवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः धनिष्ठा अपराहन काल 03.88 तक है,
योगः अतिगण्ड अपराहन् काल 03.39 तक,
करणः गर,
सूर्य राशिः तुला, चन्द्र राशिः कुम्भ,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 06.32, सूर्यास्तः 05.32 बजे।