Tuesday, December 24

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 19 अक्टूबर 2023 :

नोटः आज उपांग ललिता व्रत है : ललिता पंचमी के दिन देवी ललिता की कृपा प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है। इसे उपांग ललिता व्रत के नाम से भी जाना जाता है। हर साल यह व्रत शरद नवरात्रि के पांचवें दिन मनाया किया जाता है। देवी ललिता असल में 10 महाविद्याओं में से एक हैं।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः आश्विनी, 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः पंचमी रात्रि कालः 12.32 तक, 

वारः गुरूवार। 

नोटः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः ज्येष्ठा रात्रि काल 09.04 तक है, 

योगः सौभाग्य प्रातः काल  06.54 तक, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः तुला, चन्द्र राशिः वृश्चिक, 

राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.28, सूर्यास्तः 05.43 बजे।