विनोद कुमार/परमजीत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 18अक्टूबर :
चंडीगढ़ शहर कहे या स्मार्ट सिटी जी, हां यहां आए दिन कोई ना कोई बड़ी वारदात होती रहती हैं, और चंडीगढ़ पुलिस द्वारा उसे जल्द ही सुलझा लिया जाता है, लेकिन शहर के रिहायशी इलाकों में प्रशासन द्वारा होटल चलाने का लाइसेंस देकर अपनी कमाई तो बढ़ाई जा रही हैं, ना जाने कितने ही घर भी बर्बाद हो रहे हैं,आज बात करते हैं चंडीगढ़ शहर में चल रहे होटलों की, यहां भीड़ भाड़ वाले इलाकों में सेक्टर 42,45,52 में होटलों की भरमार है, इन होटलों में खासकर कपल्स का आना जाना लगा रहता है, और तो और होटल संचालक अपनी कमाई के चक्कर में इनमें आने वाले लोगों का पूरा डाटा भी नहीं रखते ?? जो कि कानूनी नियमों के खिलाफ हैं, होटल्स में हर आने जानें वाले का आईडी रखना अनिवार्य हैं जबकि इन होटल्स का संचालन कर रहे कर्मचारीयों की लापरवाही के चलते ये लोग कानून का भी मजाक उड़ा रहे हैं ?? आज हमारे पत्रकार ने जमीनी हकीकत जानने के लिए इन होटलों का मुआयना किया तो पता चला कि होटल के कर्मचारी केवल जेंट्स का ही आईडी लेकर रूम बुक कर देते हैं, उनके साथ कोन है, उनका आईडी तक नहीं मांगा जाता ?? क्या इन होटल्स मालिकों को पता है कि उनके साथ उनकी वाइफ ही है ?? उधर दूसरी ओर चंडीगढ़ पुलिस का ढुलमुल रवैया भी इन होटल्स मालिकों को बढ़ावा दे रहा हैं ?? अगर समय समय पर इन होटल्स मालिकों के होटल्स पर रैड की जाए तो काफी हद तक क्राइम पर नकेल कसी जा सकती हैं ?? अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रशासन एवं पुलिस अधिकारी इस और कोई कदम उठाएंगे ?? वहीं जब इस बारे में वार्ड पार्षद जसबीर सिंह बंटी से उनके मो न पर सम्पर्क किया गया तो ना ही उन्होंने फोन उठाया और ना ही मैसेज का कोई जवाब दिया, दूसरी और यहां के लोगों का कहना है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए रिहायशी इलाकों में अवैध होटल चलाने की अनुमति देकर यहां के लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है, हमारी बहू, बेटियों, बडे़ बुर्जुग शाम के समय पार्क में सैर भी नहीं कर सकते ??