Tuesday, December 24
  • अग्निवीर को भी मिले वित्तीय सहायता एवं प्राथमिकता : वीरेश शांडिल्य 
  • पंजाब में अग्निवीर को केंद्र सरकार दें सहायता राशि, देश की रक्षा करने वालों के सदैव साथ खड़ी हो केंद्र सरकार  : वीरेश शांडिल्य 

डेमोक्रेटिक फ्रंट, अम्बाला  – 18 अक्टूबर :

भले ही किसी ने देश के लिए सरहदों पर दो दिन के लिए सेवाएं दी हो केंद्र सरकार व राज्य सरकारों को उसे भी अप्रिय घटना होने पर वित्तीय सहायता एवं प्राथमिकता देनी चाहिए उपरोक्त शब्द एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं विश्व हिन्दू तख्त के अंतर्राष्ट्रीय प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहे l शांडिल्य ने कहा हाल ही में पंजाब के एक अग्निवीर ने आत्महत्या कर ली जिसके पार्थिव शरीर को भारतीय सेना के तीन जवान घर पर छोड़ गए और ना तो अन्त्योष्टि में सेना ने जवान को सलामी दी ना ही केंद्र सरकार द्वारा कोई वित्तीय सहायता परिवार को दी गई l उन्होंने कहा केंद्र सरकार को अग्निवीरों के लिए कानून को बदलना चाहिए और उन्हें भी सम्मान देना चाहिए और चाहे सरहदों पर ड्यूटी करने वाला जवान हो या सेना में किसी भी स्तर पर कार्य करने वाले जवान हों उन्हें बनती सहायता जरूर मिलनी चाहिए l उन्होंने कहा भले ही अग्निवीर ने आत्महत्या की पर इस आत्महत्या के कारण जाने बिना और इसकी जांच किए बिना अग्निवीर को इस तरह से बेइज्जत करना न्यायसंगत नहीं है l 

उन्होंने कहा अगर आतंकवादियों से लड़ते हुए अग्निवीर शहीद होता है तो उसे शहीद का दर्जा भी दिया जाएँ इसको लेकर भी केंद्र सरकार कानून लेकर आयें और संसद में भी कानून पारित हों कि अगर कोई भी सेना का जवाब आतंकियों से लोहा लेते हुए प्राण त्यागता है तो उसे 5 करोड़ की आर्थिक सहायता एवं गैस एजेंसी या पेट्रोल पंप अलॉट किया जाए l वीरेश शांडिल्य ने कहा कि वह जल्द दिल्ली में इस बारे केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे और अग्निवीरो के परिवारों के लिए सहायता की मांग रखेंगे l 

शांडिल्य ने कहा आत्महत्या अथवा स्वयं को लगी चोट के कारण होने वाली मृत्यु की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की परवाह किए बिना सशस्त्र बलों द्वारा परिवार के साथ गहरी और स्थायी सहानुभूति के साथ-साथ उचित सम्मान दिया जाता है। हालाँकि ऐसे मामले प्रचलित 1967 के मौजूदा सेना आदेश के अनुसार सैन्य अंत्येष्टि के हकदार नहीं हैं। शांडिल्य ने कहा इस नीति को बदलना चाहिए और भारतीय सेना में कार्यरत हर जवान को अप्रिय घटना होने पर पूरा सम्मान दिया जाएँ और परिवार को सहायता केंद्र सरकार दें और इसके लिए कानून में बदलाव भी किया जाएँ l वहीँ शांडिल्य ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का अग्निवीर को शहीद का दर्जा भी दिया और परिवार को एक करोड़ की आर्थिक सहायता, पारिवारिक सदस्य को सरकारी नौकरी व गाँव में उसकी प्रतिमा स्थापित करने का एलान करने पर उनका आभार जताया और कहा कि भगवंत मान राजनीती से ऊपर उठकर भारतीय सेना के जवानों का सम्मान करते है जो उनकी सोच मील पत्थर है l