एनसीबी हरियाणा की पहल नशा क्यों नहीं करना चाहिए एक दिवसीय नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 16 अक्टूबर :
हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के प्रमुख श्री ओ.पी सिंह, (आई.पी.एस.) अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक साहब के दिशानिर्देशों एवं मार्गदर्शन और पुलिस अधीक्षक श्री शशांक कुमार सावन, कुमारी निकिता खट्टर एवं श्री अनिल कुमार साहब के नेतृत्व में सम्पूर्ण हरियाणा में एक और अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है तो दूसरी और नशे के विरुद्ध जागरूकता कार्यक्रम चलाकर युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहने का पाठ पढ़ाया जा रहा है। इस कड़ी में आज महाराजा अग्रसेन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक दिवसीय 60वां एवं महाराजा अग्रसैन सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल गुमथला राव में 61वां नशे विरुद्ध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। विद्यालय के डॉ. सुदेश बंसल की अध्यक्षता में यह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ। ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी / उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को नशे के विरुद्ध जागरूक करते हुए कहा कि नशे से दूर रहकर ही हम चरित्र निर्माण कर सकते हैं और स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का रहना भी अति आवश्यक है। यह तब होगा जब व्यक्ति नशे से दूर रहेगा। उन्होंने कहा कि नशा मनुष्य के जीवन में चुपके से आता है और जीवन के नशा का द्वार खोलता है। इससे पूर्व कि नशा मनुष्य के जीवन को नष्ट करे। हमे जागरूक होने की आवश्यकता है। डॉ. वर्मा ने कहा कि नशा यदि अच्छा होता तो सबसे पहले हमारी माँ हमे नशा देती। नशे के प्रकार पर विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि नशा दो प्रकार का है- एक खुला और दूसरा प्रतिबंधित। विश्व में तम्बाकू जनित कारणों से 70 लाख भारत में 17 लाख लोग मर रहे हैं। पुरे विश्व में 2.5 करोड़ कैंसर से पीड़ित लोग हैं। केवल भारत ही विश्व में सबसे बड़ा दूसरे स्थान पर ऐसा देश है जो दूसरे स्थान पर आता है। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों, कविताओं और प्रसंगों के माध्यम से विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभाव से परिचित करवाया। कार्यक्रम के अंत में ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि हरियाणा का एक नारा है- देशों में देश हरियाणा जित दूध दही का खाना। उन्होंने बताया कि 9050891508 ब्यूरो द्वारा एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है जिस पर कोई भी व्यक्ति गुप्त सूचनाएं देकर नशा मुक्त राष्ट्र के निर्माण में सहयोग कर सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण बारे जागरूक करते हुए कहा छोडो अब शर्माना अच्छा स्वास्थ्य चाहिए तो साइकिल सवारी से करो आना जाना। हमारे बुजुर्गों को नहीं होती थी कोई बीमारी, क्योंकि साइकिल ही थी उनकी मुख्य सवारी। छोटे छोटे सफर साइकिल से तय करें, ईंधन बचाएं पर्यावरण सुधारें और सड़कों पर गाड़ियों का बोझ कम करें। अंत में विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर 577 विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने भाग लिया।