Thursday, December 26
  • श्राद्ध पक्ष में पितरों के निमित्त भोजन व दान पुण्य से पितृ रहते हैं प्रसन्न : हरीश वर्मा  –

मुनीश सलूजा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार – 14                        अक्टूबर :

अनेक  संस्थाओं व हिन्दू संगठनों से जुड़े समाज सेवी हरीश वर्मा ने आज श्राद्ध की अमावस्या सर्वपितृ अमावस्या पर कैमरी रोड स्थित मां दुर्गा मंदिर में भंडारा लगाया। इस भंडारे में अनेक जनों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर हरीश वर्मा ने कहा कि हमारे जीवन में सुख, समृद्धि व संतान सुख में पित्रों का आशीर्वाद विशेष महत्व रखता है और वह हमें तभी मिलता है जब हम श्राद्ध पक्ष में उनके निमित्त भोजन व दान इत्यादि श्रद्धापूर्वक करते हैं। उन्होंने कहा कि पितरों की तिथि याद न होने पर सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध और तर्पण किया जा सकता है। इस मोक्षदायिनी अमावस्या पर हम पितरों को जो भी श्रद्धा भाव से अर्पित करते हैं वह उन्हें मिलता है। मान्यता है कि अंतिम दिन सर्वपितृ अमावस्या को पितृ अपने धाम लौट जाते हैं। पितृ परिवार की खुशहाली देखकर प्रसन्न होते हैं। पितृ पक्ष में खुश रहकर दान-पुण्य करना चाहिए।

हरीश वर्मा ने बताया कि शास्त्रों में कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या का महत्व बताया गया है। पितरों का इस अमावस्या में श्राद्ध किये जाने पर इस तिथि को सर्वपितृ अमावस्या कहते हैं। इस दिन सभी पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है। मान्यता है कि पीपल के पेड़ पर पितरों का वास होता है। श्राद्ध के आखिरी दिन पीपल के पेड़ में घी का दीपक जलाने से पितृ प्रसन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से हम श्रद्धा भाव से पित्रों की आराधना करते हैं व भोजन इत्यादि अर्पित करते हैं। उससे भी अधिक श्रद्धाभाव से हमें अपने माता-पिता की सेवा करनी चाहिए और उनकी हर जरूरतों का ध्यान रखते हुए उन्हें प्रकार से सुखी रखने का पूर्ण प्रयास करना चाहिए। यदि हमारे माता-पिता खुश हैं तो पितृ भी प्रसन्न रहकर हमें आशीर्वाद देते हैं।