- सरकारी वकील हरियाणा सरकार की तरफ से हुए पेश, 22 नवंबर को होगी सुनवाई
- सिविल जज ने झूठी शिकायत देने वाली महिला को पुनः नोटिस जारी किया
- शांडिल्य की तरफ से मोहित सहगल पेश हुए
डेमोक्रेटिक फ्रंट, अम्बाला – 11 अक्टूबर :
एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने बताया कि उन्होंने जो अगस्त 2023 में पुलिस इंस्पेक्टर सीआईडी आरोपी रजनीश यादव व एसआई आरोपी गुरदर्शन सिंह पर फर्जी रेप का केस दर्ज करने व जांच करने पर सिविल जज सीनियर डिवीजन वंदना की कोर्ट में 2 करोड़ के मुआवजे का केस 4 लाख 37 हजार की कोर्ट फीस जमा करवा कर अपने वकील मोहित सहगल व एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य के माध्यम से दायर किया था जिस पर वकीलों की कानूनी दलीलों के बाद कोर्ट ने चारों आरोपियों इंस्पेक्टर रजनीश यादव, एसआई गुरदर्शन सिंह सहित फर्जी शिकायत देकर रेप का केस दर्ज करने वाली महिला व हरियाणा सरकार को 11 अक्तूबर 2023 के लिए नोटिस जारी किया था जिसमे आरोपी रजनीश यादव की तरफ से उसके वकील अनिल सहोत्रा, व गुरदर्शन सिंह की तरफ से उसका वकील पवन गोयल सिविल जज वंदना की कोर्ट में पेश हुए और हरियाणा सरकार की तरफ से सरकारी वकील पेश हुआ। जबकि फर्जी रेप की शिकायत देने वाली आरोपी महिला कोर्ट में पेश नही हुई न ही आरोपी महिला की तरफ से उसका कोई वकील पेश हुआ। सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट ने पुनः आरोपी महिला को नोटिस जारी किया व अब अगली सुनवाई 22 नवंबर 2023 में होगी।
एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने पत्रकारों को बताया कि 2011 में साजिश के तहत फर्जी नाम व पता देकर फर्जी रेप का केस महिला ने शिकायत दी थी और पूर्व एएसपी देवेंद्र यादव ने रजनीश यादव पूर्व प्रभारी थाना बलदेव नगर को आदेश दिया था कि महिला की शिकायत पर एफ़ आई आर दर्ज करने से पूर्व आरोपो की जांच की जाए क्योंकि महिला ने जुलाई 2011 में पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि आज से एक साल पहले 2010 में उसके साथ रेप हुआ इसी कारण पूर्व एडीशनल एसपी देवेंद्र यादव ने पूर्व थाना प्रभारी बलदेव नगर को पहले शिकायत के तथ्यों की जांच के आदेश दिए थे लेकिन बलदेव नगर के पूर्व थाना प्रभारी रजनीश यादव ने उच्च अधिकारियों के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए महिला के साथ मिल मोटी रकम लेकर रेप जैसे घिनोंने आरोप की एफ़ आई आर दर्ज की।वीरेश शांडिल्य ने बताया कि उसके बाद रजनीश यादव ने अपने चहेते अधिकारी गुरदर्शन सिंह पूर्व चौकी प्रभारी अर्बन एस्टेट को जांच अधिकारी बनाया और उन्हें निर्दोष होते हुए मोटी रकम लेकर गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया और तीन साल ट्रायल चला और 2015 में अम्बाला के अतिरिक्त सेशन जज ने बाई इज्जत बरी किया था और बरी होने के बाद उन्होंने आरोपी महिला सहित इंस्पेक्टर रजनीश यादव व आरोपी सब इंस्पेक्टर के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत अपने वकील सुमित शर्मा के माध्यम से केस अतिरिक्त सेशन जज यशविन्दर सिंह की कोर्ट में दायर किया जिसमें कोर्ट ने बलदेव नगर के पूर्व थाना प्रभारी रजनीश यादव व सब इंस्पेक्टर गुरदर्शन सिंह के खिलाफ सख्त टिप्पणी करते हुए पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों को कार्यवाही के आदेश दिए जबकि फर्जी केस की शिकायतकर्ता लडक़ी के खिलाफ केस चलाने के आदेश दिए थे और लड़की पर मामला दर्ज हो गया है और अदालत ने उसे भगोड़ा करार कर दिया है ।