- कालांवाली निवासी योगेश जैन ने मामले मेंं कार्रवाई की मांग की उजाला आज तक
डिम्पल अरोड़ा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, कालांवाली – 09 अक्टूबर :
एडीजीपी श्रीकांत जाधव के डबवाली प्रवास के दौरान कालांवाली के व्हीस्ल ब्लोअर योगेश जैन पुत्र निरंजन जैन निवासी वार्ड नंबर-13, मॉडल टाऊन कालांवाली ने फर्जी गिफ्ट कार्ड का मामला रखा। जन सुनवाई के दौरान शिकायतकत्त्र्ताओंं को पूरा मौका दिया गया था। एडीजीपी ने हर शिकायत को ध्यान से सुना और मातहत अधिकारियोंं को शिकायत पर र्कारवाई करने के निर्देश दिए। योगेश जैन ने एडीजीपी के समक्ष रखी शिकायत मेंं बताया कि उसकी शिकायत पर कालांवाली थाना मेंं 11 सितंबर 2019 को मामला दर्ज किया गया था। क्षेत्र मेंं दूसरोंं के पैनकार्ड व आधार कार्ड का इस्तेमाल करके फर्जी आईडी बनाकर गिफ्ट कार्ड के माध्यम से करोड़ोंं की धोखाधड़ी की गई है। बताया कि शिकायत दो दिन बाद ही एसआईटी को सुपुर्द कर दी गई और 8 माह तक उस एफआइआर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। एफआईआर मेंं जिनके नाम थे, उन्हें क्लीनचिट देने का कार्य किया। हालांकि डबवाली निवासी अरविंद कुमार मोंगा की गिरफ्तारी अवश्य की गई थी। अरविंद मोंगा ने ठगी के इस खेल का मास्टर माइंड हिसार के अशोक कुमार को बताया था, जोकि फर्जी दस्तावेज मुहैया करवाता था। इस ठगी के खेल मेंं डबवाली से लेकर हिसार तक के अनेक पैट्रोल पंप संचालक, निजी बैंक व अन्य लोग भी शामिल थे। शिकायतकत्त्र्ता ने एसआईटी के तत्कालीन जांच अधिकारी पर आरोप लगाया कि उसने आरोपियों को बचाने का काम किया। तत्कालीन आईजी के तबादले के साथ ही एसआईटी भंग कर दी गई और फाइल वापस कालांवाली थाना में भेज दी गई। जब उसने कालांवाली मेंं पुलिस अधिकारियोंं से संपर्क साधा तो बताया गया कि उसका केस अनट्रेस श्रेणी मेंं डाला हुआ है, कुछ नहीं किया जा सकता। योगेश जैन ने एसआईटी के तत्कालीन प्रभारी प्रह्लïाद सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। एडीजीपी ने पूरे मामले को गंभीरता से सुना और इस मामले में निर्णायक कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया। फोटो : योगेश जैन