मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि कुल 16.14 करोड़ मतदाता इन चुनावों में अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। इनमें 8.2 करोड़ पुरुष मतदाता, 7.8 करोड़ महिला मतदाता होंगे। इस बार 60.2 लाख नए मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। खास बात यह भी है कि 60.2 लाख नए मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। इनकी उम्र 18 से 19 साल के बीच है। 15.39 लाख वोटर ऐसे हैं, जो 18 साल पूरे करने जा रहे हैं और जिनकी एडवांस एप्लीकेशन प्राप्त हो चुकी हैं।
- चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है
- छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव होंगे
- 03 दिसंबर को एक साथ सभी राज्यों के नतीजे सामने आएंगे
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़ – 09अक्टूबर :
निर्वाचन आयोग ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीखें का ऐलान कर दिया। चुनाव आयोग ने सोमवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि मध्य प्रदेश में 17 नंवबर, राजस्थान में 23 नवंबर, छत्तीसगढ़ में 7 और 17 नवंबर और मिजोरम 7 नवंबर और तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होगा। वहीं 3 दिसबंर को इन सभी 5 राज्यों में वोटरों की गिनती के साथ नतीजे साफ हो जाएंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इन चुनावों में कुल 16.14 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे, जिनमें 8.2 करोड़ पुरुष मतदाता और 7.8 करोड़ महिला मतदाता होंगे। इस बार 60.2 लाख नए मतदाता पहली बार वोट डालेंगे।
मिजोरम में 7 नवंबर को चुनाव होंगे। छत्तीसगढ़ में 7 नवंबर और 17 नवंबर को 2 चरण में चुनाव होंगे। वहीं मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को ही सभी सीटों पर चुनाव करा लिए जाएँगे। जहाँ तक राजस्थान की बात है, वहाँ 23 नवंबर को एक ही चरण में चुनाव संपन्न कराया जाएगा। वहीं तेलंगाना में सबसे अंत में 30 नवंबर को चुनाव होंगे। सभी राज्यों में 3 दिसंबर को मतगणना होगी।
इस दौरान चुनाव आयोग ने बताया कि जिन 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वो एक तरह से इस देश का छठा भाग है। 8.2 करोड़ पुरुष और 7.8 करोड़ महिला वोटर वोट डालने वाले हैं। सबसे ज़्यादा मध्य प्रदेश में 5.60 करोड़ वोटर हैं। दिव्यांग वोटरों और 80 वर्ष से ज़्यादा उम्र के बुजुर्गों के लिए न सिर्फ बूथों पर विशेष व्यवस्था की जाएगी, बल्कि वो घर से भी वोट कर पाएँगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि महिलाओं, समलैंगिकों, युवा वोटरों, जनजातीय समाज और दिव्यांगों – इन सबके मताधिकार की जागरूकता के लिए विशेष अभियान चलाया गया।
चुनाव आयोग ने 75 जनजातीय समाजों की बात करते हुए बताया कि अंतिम व्यक्ति तक वोट डालने की सुविधा पहुँचाई जाएगी, उन्हें पोलिंग स्टेशन पर लाया जाएगा। इस बार 60 लाख ऐसे वोटर होंगे, जो पहली बार वोट डालेंगे। 15.39 लाख वोटर ऐसे हैं जो जनवरी 2023 के बाद 18 वर्ष की उम्र को पूरा कर रहे हैं और नए संशोधन के तहत वो मताधिकार का इस्तेमाल करने के योग्य हैं। 2900 से अधिक पोलिंग स्टेशनों पर युवा कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा।
चुनाव आयोग ने बताया कि पूरे देश में वोटरों को जोड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। 5 राज्यों में 57.89 लाख नए वोटर जोड़े गए हैं। पाँचों राज्यों में 1.77 लाख पोलिंग बूथ हैं। हाउस टू हाउस सर्वे चल रहे है, किसी को वोटर लिस्ट में नाम जोड़वाना हो या कोई बदलाव कराना हो तो 17 अक्टूबर, 2023 से लेकर 30 नवंबर, 2023 तक वोटर लिस्ट में वो ऐसा करने में सक्षम होंगे। इनमें से 1.01 लाख वेब कास्टिंग की सुविधा से लैस होंगे। 17,734 मॉडल पोलिंग स्टेशन होंगे। 8192 को महिलाओं द्वारा मैनेज किया जाएगा और 621 दिव्यांग कर्मचारियों द्वारा प्रबंधित किए जाएँगे।
कई राज्यों में ऐसे पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं, जो सुदूर इलाकों में हैं और लोगों को ज़्यादा दूर चलना नहीं पड़ेगा। cVIGIL मोबाइल एप के जरिए 100 मिनट में शिकायतों पर प्रतिक्रिया देने का वादा भी किया गया है। किसी उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि है तो उनकी पार्टी को बताना पड़ेगा कि उसे क्यों चुना गया, साथ ही प्रत्याशी को भी 3 बार अख़बार और टीवी के जरिए अपने बारे में सब कुछ बताना होगा। राजनीतिक दलों के खर्चों, आय और ऑडिट के लिए डिजिटल टूल विकसित किया गया है।
जो पोलिंग कर्मचारी हैं, जो पोस्टल बैलेट घर ले जा सकते थे और मतगणना तक कभी भी अपना वोट भेज सकते थे, लेकिन अब वोटर फैसिलिटेशन सेंटर पर वोट डालेंगे और फिजिकल रूप से उनके वोट कलेक्ट किए जाएँगे।