पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 06 अक्टूबर 2023 :
नोटः श्रीमहालक्ष्मी व्रत सम्पन्न, आज अष्टमी का तिथि का क्षय है। जीवित्पुत्रिका व्रत है।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः आश्विनी,
पक्षः कृष्ण,
तिथिः सप्तमी (की वृद्धि है जो कि शुक्रवार को प्रातः 06.36 तक है)
वारः शुक्रवार।
नोटः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः आर्द्रा रात्रि काल 09.32 तक है,
योगः परिघ अरूणोदय काल 05.30 तक,
करणः बव,
सूर्य राशिः कन्या, चन्द्र राशिः मिथुन,
राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक
सूर्योदयः 06.21, सूर्यास्तः 05.57 बजे।