भारत से खत्म करना है सर्वाइकल कैंसर, लोगों में जागरूकता की जरूरत, समाज को भी आगे आना होगा डॉक्टर रमा जोशी
डेमोक्रेटिक फ्रंट, लुधियाना – 30 सितम्बर : भारत में सर्वाइकल कैंसर मरीजों की तादाद काफी ज्यादा है. देश की महिलाओं में होने वाला ये दूसरा सबसे आम कैंसर है. पूरी दुनिया में जितने सर्वाइकल कैंसर के मरीज हैं उसका पांचवा हिस्सा अकेले भारत में है और मौत का आंकड़ा भी अधिक है. ग्लोबाकैन 2020 की रिपोर्ट मुताबिक, सर्वाइकल कैंसर मरीजों की संख्या 123,907 थी और मरने वालों का आंकड़ा 77,348 था.
5 साल तक जीवित रहने की संभावना करीब 46 फीसदी मरीजों की थी. इन आंकड़ों को देखकर पता चलता है कि इस साइलेंट किलर बीमारी के खिलाफ लड़ने की कितनी आवश्यकता है. सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा) का प्राथमिक कारण हाई रिस्क वाले ऑनकोजेनिक मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के साथ लगातार संक्रमण है. इस संक्रमण के साथ कुछ और चीजें भी जुड़ जाती हैं जैसे कि कम उम्र में सेक्स करना, कई सेक्सुअल पार्टनर, कई प्रेग्नेंसी और अन्य यौन संचारित संक्रमण है. भारत में, सर्वाइकल कैंसर के 80% से अधिक मामले और 63% हाई ग्रेड प्री-मैलिग्नेंट घाव एचपीवी टाइप 16 और 18 से जुड़े होते हैं और ये ग्लोबल एवरेज को पार कर गए हैं.