पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 29 सितम्बर 2023 :
नोटः आज भाद्रपद पूर्णिमा व्रत है। एवं प्रोष्ठपदी/महालय का श्राद्ध प्रारम्भ है आज पूर्णिमा एवं प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध है। आज से पितृपक्ष श्राद्ध पक्ष प्रारम्भ हो रहा है।
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि शुक्रवार 29 सितंबर से प्रोष्ठपदी महालय श्राद्ध आरंभ हो रहे हैं। इस बार महालय श्राद्ध उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, वृद्धि योग, बव करण, मीन राशि के चंद्रमा की साक्षी में शुरू होंगे। श्राद्ध पक्ष पूरे 16 दिन तक पितरों के पर्व के रूप में मनाए जाएंगे।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः भाद्रपद,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः पूर्णिमा अपराहन्ः काल 03.28 तक,
वारः शुक्रवार।
विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः उत्तरा भाद्रपद रात्रि काल 11.18 तक है,
योगः वृद्धि रात्रि काल 08.03 तक,
करणः बव,
सूर्य राशिः कन्या, चन्द्र राशिः मीन,
राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,
सूर्योदयः 06.17, सूर्यास्तः 06.05 बजे।