“मीडिया, संस्कृति और स्वतंत्रता: अतीत, वर्तमान और भविष्य” विषय पर एसडी कॉलेज में हुआ सेमिनार

नेशनल सेमिनार में वर्तमान मीडिया परिदृश्य के संदर्भ में पत्रकारिता के भविष्य पर किया गया मंथन

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 28 सितम्बर :

सेक्टर-32 स्थित गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म कॉलेज के स्नातकोत्तर पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की ओर से “मीडिया, संस्कृति और स्वतंत्रता: अतीत, वर्तमान और भविष्य” विषय पर एक दिवसीय नेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया। पंजाब यूनिवर्सिटी की डीन यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शंस (डीयूआई) प्रो. रूमिना सेठी इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थीं जबकि आईआईएमसी, नई दिल्ली के डीन एकेडमिक अफेयर्स और कॉलेज के पूर्व छात्र सेमिनार में प्रो.गोविंद सिंह सम्मानित अतिथि थे। जीडीडीएसडी कॉलेज सोसाइटी के महा सचिव प्रो.अनिरुद्ध जोशी भी इस मौके पर मौजूद थे।

इस नेशनल सेमिनार  का उद्देश्य स्वतंत्रता आंदोलन में समाचार पत्रों, रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा और लोक मीडिया सहित विभिन्न मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डालना था। साथ ही वर्तमान में भारतीय मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र द्वारा हासिल की गई गौरवशाली ऊंचाइयों के साथ-साथ संस्कृति पर मीडिया के प्रभाव के बारे में मंथन करना भी एक अन्य उद्देश्य था। सेमिनार में पैनल डिस्कशन का आयोजन भी किया गया जिसमें द ट्रिब्यून की पूर्व सहायक संपादक आरुति नय्यर आकाशवाणी और दूरदर्शन (चंडीगढ़ और जम्मू) के कार्यक्रम प्रमुख संजीव दोसांझ, वरिष्ठ पत्रकार सौरभ दुग्गल व मयंक मिश्रा के अलावा हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के जनसंपर्क अधिकारी दीपकमल सहारण ने अपने विचार रखे। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अजय शर्मा ने मीडिया के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी देने के लिए मीडिया प्रोफेशनल्स का आभार व्यक्त किया। कॉलेज की रजिस्ट्रार डॉ.मधु शर्मा ने भी मीडिया से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया और इस छात्रों को कई मंत्र दिए।

पैनल डिस्कशन में पत्रकारिता में नैतिकता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया गया। इस दौरान वर्तमान मीडिया परिदृश्य के संदर्भ में पत्रकारिता के भविष्य के बारे में चर्चा की दई। मीडिया प्रोफेशनल्स ने पत्रकारिता में आए बदलाव को लेकर अपने अनुभव साझा किए और बताया कि किस तरह से पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया के आने के बाद से पत्रकारिता के क्षेत्र में बदलाव आया है और खबरों की विश्वसनीयता को बनाए रखना कितना जरूरी है।

इससे पहले प्रो. रुमिना सेठी ने पत्रकारिता और जनसंचार में करियर की संभावनाएं तलाश रहे छात्र-छात्राओं को पत्रकारिता की नैतिकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि किस तरह से आज पत्रकारिता का दौर बदला है और सोशल मीडिया पर खबरें तेजी से फैलती हैं।  प्रो. गोविंद सिंह ने कॉलेज में बिताए अपने पुराने दिनों को याद किया और पत्रकारिता से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने पत्रकारिता क्षेत्र के बदलते परिदृश्य में बदलाव पर भी प्रकाश डाला।  कॉलेज के इंग्लिश विभाग की  डॉ. अर्चना वर्मा सिंह, गगनप्रीत वालिया, रितिका सिन्हा की अध्यक्षता में तकनीकी सत्र आयोजित किया गया। समापन सत्र की अध्यक्षता पंजाब यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन स्टडीज की चेयरपर्सन डॉ. भवनीत भट्टी ने की। कॉलेज के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की प्रमुख डॉ. प्रिय चड्ढा ने सभी का आभार व्यक्त किया।

15 होनहार पंजाबी विद्यार्थियों को गोद लिया सांसद विक्रम साहनी ने

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 28 सितम्बर :

पंजाब से राज्यसभा सांसद और सन फाउंडेशन के अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह साहनी ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 116वीं जयंती के अवसर पर शहीद भगत सिंह छात्रवृत्ति योजना के अधीन 15 प्रतिभाशाली पंजाबी विद्यार्थियों को उनकी शिक्षा और करियर के लिए गोद लिया।साहनी ने बताया कि उनके द्वारा शिक्षा व करियर के लिए गोद लिए गए 15 छात्रों में सुश्री गुरसिमरन कौर श्री गुरु राम दास मेडिकल कॉलेज, अमृतसर में एमबीबीएस/एमडी की पढ़ाई कर रही हैं, कनिश गोयल सरकारी मेडिकल कॉलेज, पटियाला से एमबीबीएस कर रहे हैं, कमर्शियल पायलट, कुलवीर कौर दक्षिण अफ्रीका में प्रशिक्षण ले रही हैं, चार छात्र अमनजोत कौर, दलजीत कौर, राजवीर सिंह और नवीन कुमार इंजीनियरिंग कर रहे हैं जबकि जया वर्मा और नीतीश कुमार आर्किटेक्चर की पढ़ाई कर रहे हैं। हाल ही में राज्य चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले डिस्कस थ्रोअर भरतप्रीत सिंह सहित दो खिलाड़ीयों को भी वजीफा दिया गया है । साथ ही साथ साथ में नर्सिंग कर रही दो लड़कियां और दो उभरती गायिका अटवाल बहनें भी इनमे शामिल है। इन सभी ने साहनी द्वारा पिछले साल पंजाब की शिक्षा को और प्रतिभा को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के साथ शुरू की गई शहीद भगत सिंह छात्रवृत्ति के तहत वित्तीय सहायता के लिए संपर्क किया था ।साहनी ने कहा कि उन्हें शहीद-ए-आजम भगत सिंह से प्रेरणा मिलती है और उनके विचारों से ही उन्होंने सीखा है कि हमारे युवाओं की शिक्षा में निवेश पंजाब और हमारे देश के भविष्य में एक निवेश है। हमारा लक्ष्य अपने प्रतिभाशाली बच्चों को सशक्त बनाना और उन्हें शैक्षणिक और व्यावसायिक रूप से उत्कृष्टता हासिल करने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना है। साहनी, जो संसद सदस्य के रूप में मिलने वाले किसी भी भत्ते एवं सुविधा को नहीं लेते हैं, ने कहा कि वह संसद सदस्य के रूप में अपना पूरा वेतन इस छात्रवृत्ति कोष में दान करते हैं और इस छात्रवृत्ति कोष के अध्यक्ष पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवा हैं और पंजाब के कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर इसके सदस्य हैं।

जिंदगी में नौकरी करने वाले नहीं, देने वाले बनें : कवंलजीत सिंह

सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 29 सितम्बर :

डीएवी गर्ल्स कॉलेज के इन्क्यूबेशन, रोजगार सृजन और कौशल विकास सेल , वुमेन स्टडी सेंटर, वुमेन सेल के संयुक्त तत्वावधान में छात्राओं को स्वयं रोजगार के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ग्रामीण स्वयं रोजगार प्रशिक्षण संस्था के डायरेक्टर कवंलजीत सिंह, दिल्ली स्थित एफ सलून एकेडमी की सीईओ प्राची व  पॉलीसी बाजार में उत्तरी क्षेत्र की कारपोरेट सेल्स हेड लीनू बतरा मुख्य वक्ता रही। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ मीनू जैन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम  इन्क्यूबेशन, रोजगार सृजन और कौशल विकास सेल की इंचार्ज डॉ विनित, वुमेन सेल इंचार्ज डॉ मीनाक्षी सैनी व वुमेन स्टडी सेंटर इंचार्ज डॉ मीनू गुलाटी की देखरेख में हुआ। इस दौरान सोशल साइंस के रिसर्च जर्नल का विमोचन भी किया गया। जर्नल की चीफ एडिटर डॉ अनीता मौदगिल  ने बताया कि जर्नल में विभिन्न विषयों पर आधारित शोधपत्रों को प्रकाशित किया गया है। कवंलजीत  ने महिला सशक्तिकरण पर विस्तार से चर्चा की।

जीवन में सफल होने के लिए नजरिया, कौशल और ज्ञान का होना बेहद जरूरी है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं के जीविकापार्जन के उदाहरण देकर छात्राओं को स्वावलंबी बनने का आह्वान किया। जिंदगी में नौकरी करने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनें। महिलाओं के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी  दी।प्राची ने छात्राओं को कॉस्मेटोलॉजी में कैरियर की संभावनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज के दौर में मेकअप करवाने का क्रेज दिन प्रतिदिन बढ रहा है। छात्राएं स्वयं का सैलून खोलकर भी अपनी आय को बढा सकती है।

लीनू बतरा ने छात्राओं से आह्वान किया कि पैसों के मामले में स्वयं स्वावलंबी बनें। साथ ही उन्होंने इंश्योरेंस के क्षेत्र में रोजगार के अवसर पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान विभिन्न प्रयोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया गया।

कार्यक्रम के सफल आयोजन में पारूल सिंह, पूजा सिंदवानी, डॉ शिखा, डॉ मधु, नीलम व डिजी शेपर्स के डायरेक्टर अजिंदर पाल सिंह ने सहयोग दिया।

लक्ष्य ज्योतिष संस्थान रविवार 01 अक्तूबर को करेगा 12वें निशुल्क ज्योतिष कैम्प का आयोजन

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 28 सितम्बर :

लक्ष्य ज्योतिष संस्थान चंडीगढ़ की तरफ से रविवार 01 अक्तूबर, 2023 को 12वे निशुल्क ज्योतिष कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। यह कैम्प सेक्टर 37 सी स्थित सनातन धर्म मंदिर में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित किया जाएगा। ज्योतिष कैम्प में उत्तर भारत से ज्योतिष विद्या की विभिन्न विधाओं वैदिक, हस्त रेखा, टैरो कार्ड, अंक गणित, स्पिरिचुअल हीलर, रेकी, लाल किताब, वास्तु नाड़ी और के पी एस्ट्रोलॉजी से जुड़े विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य भाग ले रहे है।

 लक्ष्य ज्योतिष संस्थान के चेयरमैन ज्योतिषाचार्य रोहित कुमार और वाईस प्रेसिडेंट पीयूष कुमार ने बताया कि संस्थान को तरफ से आयोजित इस ज्योतिष कैम्प को पूर्णतः निःशुल्क लगाया जा रहा है, 

ज्योतिषाचार्य रोहित कुमार ने बताया कि रविवार 1 अक्तूबर,2023 को आयोजित इस ज्योतिष कैम्प का मुख्य उद्देश्य वैदिक ज्योतिष विद्या का प्रचार प्रसार करना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस विद्या के बारे में विस्तार से जान सकें।

PU’s Sanskrit department holds two special lectures

Demokratic Front, Chandigarh, 28      September :

Panjab University’s Sanskrit department held two special lectures today on 29.9.23, titled ‘Rishi Dayanand Ka Shiksha chintan’ and ‘Directions and Opportunities in the field of Sanskrit’. The former was held under the celebration of 200th birth anniversary of Swami Dayanand Saraswati, whereas the latter was held in collaboration with PU’s Central Placement Cell. Teachers, research scholars and students of the department attended these lectures.

Speaker of the first lecture was Dr. Pushpinder Joshi, chairperson of the department of Sanskrit and Pali, Punjabi University, Patiala. Dr. Joshi told the audience about Rishi Dayanand Saraswati’s ideas and philosophy with regards to education. He said, “Rishi Dayanand was in favour of both Vedic and modern education, a fruit of which are the DAV institutions.” Dr. Joshi also told how Swami Dayanand Saraswati stood up for female education and laid emphasis on collective development.

In the second special lecture, which was held in collaboration with the Central Placement Cell of the Panjab University, Dr. Joshi made the audience aware about the traditional as well as the newer opportunities and directions of livelihood in the field of Sanskrit. He told the audience that Government of India and its bodies like UGC, are laying great emphasis on the study and teaching of Indian Knowledge Systems (IKS), which is going to open a lot of job opportunities for Sanskrit students.

Prof. Meena Sharma, Director of PU’s Central Placement Cell, introduced the students of Sanskrit department with the various activities and services which the cell provides for the students with regards to placement and employability enhancement. Prof. Sharma laid emphasis on the combination of academic expertise and soft skills.

Academic incharge of Sanskrit department, Prof. V. K. Alankar said in the closing remarks, “opportunities are only for those who excel in their fields and have necessary soft skills.”             Prof. Alankar gave a vote of thanks to the speakers, organisers and participants.

UIFT conducts Workshop on Qualitative analysis through Atlas ti

Demokratic Front, Chandigarh, 28      September :

University Institute of Fashion Technology & Vocational Development, Panjab University,  conducted a workshop on ‘Qualitative analysis through Atlas ti’ on 29th September 2023. This workshop was conducted by Dr. Kavita Jarodia, an anthropologist and a senior Associate, Clinical Outcomes Assessment at Parexel International India Pvt. LTD. This workshop drew 34 participants- Faculty, Research scholars, masters’students from Department of Public health, Department of Anthropology, Department of Laws and UIFT & VD.

The resource person emphasised the importance of using software for analysis of research work. The session further moved on analysing qualitative data analysis by using Atlastisoftware. Dr.Kavita elaborated various aspects related to qualitative analysis-  developing extensive codebook structures, making transcripts and conducting clinical and in-depth interviews and contributing to the technical reports. She further made the participant understand the value of making a good code book. As she is familiar with new trends for data analysis in real-world settings, she emphasised that the New researchers should get familiarized with new tools and techniques used in Industry to make data look technical and more transparent to big agencies who deal with structured and non-structured interviews for data collection.

The session was enriching that was filled with many queries from the participants, which were answered citing real world examples by the resource person. Many participants felt  that such software can help them understand and carry their research in more depth. Dr Ramandeep Bawa, Guest Faculty, UIFT & VD coordinated the workshop.

महावीर कॉलोनी के वाटरवर्क्स की दिवार व सीवर लाइन जल्द होगी ठीक : रवि सैनी 

मुनीश सलूजा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार – 29 सितम्बर :

शुक्रवार को जनस्वास्थ विभाग के कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारी लाल शहर के भाजपा नेता रवि सैनी व पूर्व जिला अध्यक्ष रवि सैनी व सीनियर डिप्टी मेयर अनिल सैनी मानी के आवास पर पहुंचे। इस दौरान सीनियर डिप्टी मेयर व उनके समर्थको ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान कैबिनेट मिनिस्टर बनवारी लाल ने अनिल मानी से उनके वार्ड व शहर के विकास सबंधी चर्चा की। अनिल मानी ने डॉ. बनवारी लाल को शहर व उनके वार्ड मे आ रही जनस्वास्थ विभाग की समस्याओ के बारे मे अवगत कराया।

इस मुलाकात के बाद भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष रवि सैनी ने कहा कि हमारी आज कैबिनेट मंत्री जी से शहर की सीवर समस्या के बारे चर्चा हुई। मुख्यतः महावीर कॉलोनी ले वाटर वर्कस की ब्रॉउंड्री वाल को नया बनाने के लिए प्रस्ताव रखा। सेनियान माहौले के सीवर लाइन की समस्या से भी अवगत कराया।

सीनियर डिप्टी मेयर अनिल सैनी मानी ने कहा कि मंत्री जी के सामने हमने सारी समस्याए रखी जिस पर मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने उन्हें जल्द पूरा करने का वादा किया।

जिसमें उनके साथ भाजपा के जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह, महावीर प्रसाद, शिवकुमार प्रधान राजगुरु मार्केट हिसार,किशन खटाणा सुरेंद्र सैनी,प्रवीण पोपली महामंत्री, ईश्वर सिंह सैनी, मोहन लाल सैनी, पार्षद प्रधान सब्जी मंडी, लोकेश असीजा मंडल प्रधान भाजपा, अरुण दत शर्मा, अनिल केरो, रविंद्र रोकी, कृष्ण बिश्नोई, एडवोकेट सुरेश शर्मा, सुशील महापाल व अन्य लोग मौजूद रहे।

फोर्टिस मोहाली ने जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के लिए मनोरंजक कार्यक्रम का किया आयोजन

डेमोक्रेटिक फ्रंट, मोहाली – 29 सितम्बर :

फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली ने जन्मजात हृदय रोगों से पीड़ित बच्चों के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर इन बच्चों के लिए कई मनोरंजक कार्यक्रमों के अलावा एक मैजिक शो भी आयोजित किया गया जिनकी हृदय सर्जरी हुई थी। इस कार्यक्रम में 40 से अधिक बच्चों के माता-पिता ने भाग लिया, जिनकी फोर्टिस मोहाली में ओपन हार्ट सर्जरी या कार्डियक इंटरवेंशनल्स हुआ था।

डॉ. टी.एस. महंत, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर व हेड़-सीटीवीएस ने फोर्टिस अस्पताल, मोहाली में – पीडियाट्रिक -सीटीवीएस (कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी) में पेश किए जा रहे विभिन्न तकनीकी रूप से उन्नत उपचारों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि फोर्टिस मोहाली के बाल हृदय विज्ञान विभाग – पीडियाट्रिक कार्डियक साइंसेज विभाग ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं और यह इस क्षेत्र का एकमात्र अस्पताल है जहां न केवल पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से, बल्कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, इराक, मंगोलिया और दक्षिण अफ्रीका से भी रोगी आते हैं।

अपने स्वागत भाषण में डॉ. रजत गुप्ता, कंसल्टेंट- पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली ने कहा, “फोर्टिस मोहाली में हर साल लगभग 500 हृदय संबंधी सर्जरी और हस्तक्षेप आयोजित किए जाते हैं, जिनके परिणाम नवीनतम विश्व मानक के बराबर होते हैं। जन्मजात हृदय दोष (सीएचडी) भारत में शिशु मृत्यु का सबसे आम कारण है, अनुमान है कि हर साल 1,80,000 से अधिक बच्चे सीएचडी के साथ पैदा होते हैं। सीएचडी वाले कई शिशुओं को जीवन के पहले वर्ष के भीतर सर्जिकल इंटरवेंशन की आवश्यकता होती है, अन्यथा स्थिति जीवन के लिए खतरा साबित हो सकती है। इसलिए ऐसे मामलों में समय पर इंटरवेंशन महत्वपूर्ण है। उन्होंने चेतावनी के संकेतों के बारे में भी विस्तार से बताया जिन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए।  

इस अवसर पर उपस्थित बच्चों के लिए एक मैजिक शो का भी आयोजन किया गया, साथ ही उनके लिए मनोरंजक कार्यक्रम और रोचक खेल भी आयोजित किये गये। साइकोलाॅजिस्ट आंचल शर्मा ने दर्शकों से बातचीत की कि हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को कैसे परामर्श दिया जाए। इन बच्चों के अभिभावकों ने फोर्टिस अस्पताल, मोहाली में अपने अनुभव के बारे में भी बताया जहां उनके बच्चों का इलाज चल रहा है।

आरजे गोलमाल गगन ने इस अवसर पर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।

फोर्टिस अस्पताल, मोहाली से अन्य प्रमुख अतिथियों में आशीष भाटिया, बिजनेस हेड; अभिजीत सिंह, प्रमुख-एसबीयू डॉ अंबुज चौधरी, एडिशनल डायरेक्टर-सीटीवीएस डॉ. विक्रमजीत सिंह, मेडिकल डायरेक्टर डॉ मनोरंजन साहू, डायरेक्टर – कार्डियक एनेस्थीसिया और डॉ गरिमा गर्ग, कंसल्टेंट, पीडियाट्रिक सर्जरी उपस्थित थे।

एस.एस.जैन सभा, चंडीगढ़ द्वारा ’सर्व धर्म संगम’ 1 अक्टूबर को लाॅ  ऑडिटोरियम में

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़ – 28 सितम्बर :

आचार्य सम्राट पूज्य श्री आत्माराम जी महाराज की 140 वीं तथा राष्ट्र संत वाचनाचार्य श्री मनोहर मुनि जी महाराज की 96 वीं जन्म जयंति के उपलक्ष्य पर एस.एस. जैन सभा, सैक्टर 18 डी चंडीगढ़ द्वारा उपप्रवर्तक भारत संत गौरव श्री पीयूष मुनि जी महाराज के सानिध्य एवं पावन प्रेरणा से ’सर्व धर्म संगम’ 1 अक्टूबर को पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के लॉ ऑडिटोरियम में सुबह 9ः30 बजे से 1 बजे तक आयोजित किया जायेगा, जिसका मुख्य उदेश्य प्रेम व भाईचारे को बढ़ावा देना है।

जैन स्थानक, सेक्टर 18 में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उपप्रवर्तक भारत संत गौरव श्री पीयूष मुनि जी महाराज ने बताया कि धर्म आपस में जोड़ता है, तोड़ता नही है। धर्म की वास्तविकता को समझाते हुए उन्होंने सभी धर्मो का आदर करने की प्ररेणा दी। इस अवसर पर भजन का कार्यक्रम का आयोजन भी किया जायेगा। उन्होंने सभी संप्रदाय के लोगों से इस संगम में शामिल होने की अपील की है।

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सर्व धर्म संगम में देश के विभिन्न हिस्सों से धर्मगुरु, व अन्य धर्मों के प्रतिष्ठित गुरूजन भाग लेकर विषय पर अपना विचार साझा करेंगे। जिसमें गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज (जिओ गीता फाउंडेशन); सिंह साहिब ज्ञानी रणबीर सिंह( मुख्य जत्थेदार- श्री अकाल तख्त साहिब, श्री अमृतसर); नामधारी सम्प्रदाय प्रमुख सतगुरु उदय सिंह (भैणी साहिब); संत श्री बलबीर सिंह सीचेवाल (पर्यावरणविद्) राज्यसभा सांसद; महामंडलेश्वर स्वामी संपूर्णानंद, अनीता दीदी(ब्रह्माकुमारी); विनय मुनि जी महाराज; गणिवर्य डॉ इंद्रजीत विजय जी महाराज; संत बलजीत सिंह महाराज( प्रमुख, विश्व रूहानी केंद्र) व अन्य गुरूजन शामिल होंगे।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में पंजाब के वित, आबकारी- कराधान योजना मंत्री हरपाल सिंह चीमा; भारत सरकार के अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमेन इकबाल सिंह लालपुरा; भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री व पंजाब, चंडीगढ़ के प्रभारी विजय रूपाणी व अन्य गणमान्य मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के तौर पर हरियाणा पुलिस आवास निगम के प्रबंध निदेशक (आईएएस)आर सी मिश्रा; पंजाब के यातायात अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक  एएस राय; हरियाणा के गृह आरक्षी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसके जैन होगें।

इस अवसर पर सभा के प्रचार सचिव नीरज जैन ने बताया कि एस.एस.जैन सभा, चंडीगढ द्वारा यह आयोजन चंडीगढ़ में पहला ज्बकि यह 7वां संस्करण है। यह आयोजन पिछले 6 वर्षो  से विभिन्न प्रांतों में आयोजित किया जा रहा है तथा यह हर वर्ष चर्तुमास में आचार्य सम्राट पूज्य श्री आत्माराम जी महाराज की 140 वीं तथा राष्ट्र संत वाचनाचार्य श्री मनोहर मुनि जी महाराज की 96 वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य पर आयोजन होता है।

पितरों के प्रति श्रद्धा का अनुष्ठान

पितरों के प्रति श्रद्धा का अनुष्ठान

धार्मि​क मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में किए गए इन कार्यों से पितरों को शांति मिलने के साथ ही वंशजों का पितृ दोष दूर होता है। यही नहीं पितरों का आर्शीवाद भी प्राप्त होता है। पितृ पक्ष में वंशजों के लिए अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म करने का विधान है।

श्राद्ध पक्ष हमारी श्रद्धा का पक्ष

अश्वनी कुमार तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पटना – 28   सितम्बर :

श्राद्ध करने की 6 बड़े फायदे होते हैं !

तुलसी से पिण्डार्चन किए जाने पर पितरगण प्रलयपर्यन्त तृप्त रहते हैं। तुलसी की गंध से प्रसन्न होकर गरुड़ पर आरुढ़ होकर विष्णुलोक चले जाते हैं।

 पितर प्रसन्न तो सभी देवता प्रसन्न !

 श्राद्ध से बढ़कर और कोई कल्याणकारी कार्य नहीं है और वंशवृद्धि के लिए पितरों की आराधना ही एकमात्र उपाय है…

 आयु: पुत्रान् यश: स्वर्ग कीर्तिं पुष्टिं बलं श्रियम्।

पशुन् सौख्यं धनं धान्यं प्राप्नुयात् पितृपूजनात्।। (यमस्मृति, श्राद्धप्रकाश)

 यमराजजी का कहना है कि

  • श्राद्ध-कर्म से मनुष्य की आयु बढ़ती है।
  • पितरगण मनुष्य को पुत्र प्रदान कर वंश का विस्तार करते हैं।
  • परिवार में धन-धान्य का अंबार लगा देते हैं।
  • श्राद्ध-कर्म मनुष्य के शरीर में बल-पौरुष की वृद्धि करता है और यश व पुष्टि प्रदान करता है।
  • पितरगण स्वास्थ्य, बल, श्रेय, धन-धान्य आदि सभी सुख, स्वर्ग व मोक्ष प्रदान करते हैं।
  • श्रद्धापूर्वक श्राद्ध करने वाले के परिवार में कोई क्लेश नहीं रहता वरन् वह समस्त जगत को तृप्त कर देता है।

 श्राद्ध कर्म क्यों ?

पूर्वजों द्वारा पितर श्रेणी धारण कर लेने की अवस्था में उनकी शांति तथा तृप्ति के लिए श्राद्ध-कर्मों का विधान है। ब्रह्म पुराण ने श्राद्ध की परिभाषा यह दी है – ‘जो कुछ उचित काल, पात्र एवं स्थान के अनुसार विधि द्वारा पितरों को लक्ष्य करके श्रद्धापूर्वक ब्राह्मणों को दिया जाता है, वह श्राद्ध कहलाता है।’

मिताक्षरा (याज्ञ. 1/217) ने श्राद्ध को इस तरह परिभाषित किया है – ‘पितरों का उद्देश्य करके (उनके कल्याण के लिए) श्रद्धापूर्वक किसी वस्तु का अथवा उनसे सम्बंधित किसी द्रव्य का त्याग श्राद्ध है।’

तीन पूर्व पुरुषों के पिण्डदान का सिद्धांत यह बताता है कि तीनों पूर्वजों की आत्माएं पचास अथवा सौ वर्षों के उपरान्त भी वायु में संतरण करते हुए चावल के पिण्डों की सुगंधि अथवा सारतत्व वायव्य शरीर द्वारा ग्रहण करने में समर्थ होती हैं। याज्ञवल्क्य स्मृति (1/269), मार्कण्डेय पुराण (29/38), मत्स्य पुराण (19/11-12) एवं अग्नि पुराण (163/41-42) में उल्लेख है कि पितामह (पितर) श्राद्ध में दिए गए पिण्डों से स्वयं संतुष्ट होकर अपने वंशजों को जीवन, संतति, संपत्ति, विद्या, स्वर्ग, मोक्ष आदि सभी सुख तथा राज्य देते हैं।

मत्स्य पुराण (19/3-9) में एक प्रश्न के उत्तर में कहा गया है कि पिता, पितामह एवं प्रपितामह, वैदिक उक्तियों के अनुसार क्रमशः वस्तुओं, रुद्रों एवं आदित्यों के समान रूप माने गए हैं। वे नाम एवं गोत्र, उच्चरित मन्त्र एवं श्रद्धा से अर्पित आहुतियों को समस्त पितरों के पास ले जाते हैं। यदि किसी के पिता (अपने सत्कर्मों के कारण) देवता हो गए हैं, तो श्राद्ध में दिया गया भोजन अमृत हो जाता है और वह उनके देवत्व की स्थिति में उनका अनुसरण करता है। यदि वे दैत्य हो गए हैं, तो वह उनके पास भांति-भांति आनन्दों के रूप में पहुंचता है। यदि वे पशु हो गए हैं, तो वह उनके लिए घास रूप में उपस्थित हो जाता है और यदि वे सर्प हो गए हैं, तो श्राद्ध-भोजन वायु बन कर उनकी सेवा करता है।

डॉ. पाण्डुरंग वामन काणे ने ‘धर्मशास्त्र का इतिहास’ (पृष्ठ 1199) में पुनर्जन्म एवं कर्म-विपाक सिद्धांत के आधार पर श्राद्ध-कर्म को अनुपयोगी बताने वालों को ग़लत ठहराते हुए लिखा है – ‘प्रतीत होता है कि (श्राद्ध द्वारा) पूर्वज-पूजा प्राचीन प्रथा है तथा पुनर्जन्म एवं कर्म-विपाक के सिद्धांत अपेक्षाकृत पश्चात्कालीन हैं और हिन्दू धर्म ने, जो व्यापक है (अर्थात सभी को स्वयं में समेट लेता है) पुनर्जन्म आदि के सिद्धांत ग्रहण करते हुए भी श्राद्धों की परम्परा को ज्यों का त्यों रख लिया है। एक प्रकार से श्राद्ध-संस्था अति उत्तम है। इससे व्यक्ति अपने उन पूर्वजों का स्मरण कर लेता है, जो जीवितावस्था में अपने प्रिय थे।’