नशों के संपूर्ण ख़ात्मे के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार पूरी तरह वचनबद्ध
पुलिस नशा सौदागरों की कडिय़ां जोड़ कर सरगनाओं पर नकेल कसे
नशा तस्करों की जायदादें ज़ब्त और नशे बेचने वाले कैमिस्टों के लाइसेंस रद्द किये जाएं
नशों संबंधी ज़िला स्तर पर मासिक और राज्य स्तर पर त्रैमासिक समीक्षा मीटिंग की जायेगी
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ (राकेश शाह) : मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की नशों के संपूर्ण ख़ात्मे के लिए वचनबद्धता को दोहराते हुए मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने नशों की रोकथाम के लिए बनाई तालमेल कमेटी की सभी सम्बन्धित पक्षों को परिणामोन्मुखी काम करने के लिए कहा।
आज यहां नार्को कोआरडीनेशन सैंटर मैकनिज़म की राज स्तरीय कमेटी की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए श्री वर्मा ने कहा कि पुलिस द्वारा नशों से संबंधित जितने केस पकड़े जाते हैं, उनकी कडिय़ों पर काम करते हुए इससे जुड़े नशा तस्करों की शिनाख़्त करके नकेल कसी जाये। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय मीटिंग में इन मामलों की हर माह समीक्षा की जायेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की तरफ से इस संबंधी ज़ीरो टालरैंस नीति अपनाने के निर्देशों पर चलते हुए नशों से जुड़े सरगनाओं की जायदादें ज़ब्त करने की प्रक्रिया तेज़ की जाये। पंजाब पुलिस को इन मामलों की पैरवी में तेज़ी लाने और जायदादें ज़ब्त करने की प्रक्रिया संबंधी प्रशिक्षण देने के लिए पंजाब पुलिस अकादमी फिल्लौर में विशेष सैशन करवा के पुलिस को समर्थ किया जाये।
श्री वर्मा ने कहा कि नशों की व्यापारिक मात्रा के मामलों की ट्रायल प्रक्रिया तेज़ करने के लिए पुलिस विभाग को निर्देश दिए और साथ-साथ इसके लिए विशेष अदालतें स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा गया। उन्होंने पुलिस को यह भी निर्देश दिए कि नशों से पीड़ित व्यक्तियों के प्रति संवेदनशील व्यवहार अपनाते हुए इनको सज़ा देकर जेल भेजने की बजाय नशा छुड़ाओ केन्द्रों में भेजा जाये जिससे उनको भी मुख्य धारा में वापस आने का मौका दिया जाये।
मुख्य सचिव ने सेहत विभाग को नशीले दवाओं की बिक्री करने वाले कैमिस्टों पर सख्ती करने के आदेश देते हये कहा कि सेहत विभाग इनकी निरंतर चैकिंग करे और यदि कोई कैमिस्ट नशा बेचता पकड़ा जाता है तो उसका लायसेंस रद्द किया जाये। इसके इलावा सेहत विभाग एक एप बना कर सभी को एक मंच पर लाए जिससे आनलाइन स्टाक चैक किया जा सके। इसी तरह उन्होंने नशों के कारण होने वाली मौतों के मामलो में सेहत एवं पुलिस विभाग को अकेले- अकेले केस की तह तक जाकर मौत के कारणों का पता लगाने और दोषियों को सज़ा दिलाने के काम में तेज़ी लाने के लिए कहा। इस सम्बन्धी उन्होंने ज़िला स्तर पर हर माह मीटिंगें करके डिप्टी कमिशनर, एस. एस. पी. और सिवल सर्जनों को समीक्षा करने के लिए कहा। राज्य स्तर पर हर त्रैमासिक मीटिंग करके समीक्षा की जायेगी।
मुख्य सचिव ने सेहत विभाग को यह भी कहा कि ओवर डोज़ से पीडित मरीज़ों की जान बचाने के लिए कौन सी दवाएँ कारगार हो सकती हैं, उनकी सूची बनाने के लिए माहिरों की कमेटी बना कर फ़ैसला लिया जाये। उन्होंने डायरैक्टर फोरेंसिक साईंस लैबाटरी को काम में तेज़ी लाने के लिए कहा जिससे नशों के अपराधों में शामिल दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा दिलाई जा सके।
मुख्य सचिव ने पुलिस, सेहत विभाग के साथ स्कूल शिक्षा, खेल और सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग को नशा मुक्त अभ्यान की गतिविधियां तेज़ करने के लिए कहा। विद्यार्थियों में जागरूकता पैदा करने के लिए नशों के बुरे प्रभावों से अवगत करवाया जाये।
मीटिंग में नारकोटिकस ब्यूरो चंडीगढ़ के ज़ोनल डायरैक्टर अमनजीत सिंह, वित्त कमिशनर वन और वन्य जीव विकास गर्ग, सचिव गृह गुरकीरत किरपाल सिंह, सचिव स्कूल शिक्षा के. के. यादव, आबकारी कमिशनर वरुण रूज़म, स्पैशल डी. जी. पी. एस. टी. एफ. कुलदीप सिंह, महाराजा रणजीत सिंह पंजाब पुलिस अकैडमी फिल्लौर के डायरैक्टर अनीता पुंज, ए. डी. जी. पी. एस. टी. एफ. आर. के. जयसवाल, विशेष सचिव गृह वरिन्दर कुमार शर्मा, विशेष सचिव सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विम्मी भुल्लर के इलावा बी. एस. एफ. और सेहत विभाग के नुमायंदे उपस्थित थे।