पंचांग, 26 सितम्बर 2023
मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 26 सितम्बर 2023 :
नोटः आज पद्मा एकादशी व्रत है। एवं श्रीवामन जयंती है।
श्रीवामन जयंती : वामन जयंती भगवान विष्णु के पांचवें अवतार (अवतार) भगवान वामन की पूजा करने के लिए मनाई जाती है। वामन जयंती का उत्सव हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष के बारहवें दिन मनाया जाता है।
नोटः आज रात्रिः 8.28 से पंचक प्रारम्भ हो रहे हैं, पंचक काल में तृण, काष्ठ, धातु का संचय व भवन निर्माण और नवीन कार्य तथा यात्रा आदि कर्म वर्जित होते हैं।पंचक काल में शव दाह का भी निषेध होता है।चूंकि शव को इतनी लंबी अवधि हेतु रोकना देश काल परिस्थिति के अनुसार मुश्किल हैं, अतः योग्य वैदिक ब्रह्मण की सलाह लेकर पंच पुतलों का दाह और पंचक नक्षत्रों की शांति विधि पूर्वक करानी चाहिए। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि मृतक व्यक्ति के परिवार व संबंधियों में से ही पॉच व्यक्तियों के अकालमृत्यु होने की आशंका बनी रहती है।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः भाद्रपद,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः द्वादशी रात्रिः काल 01.46 तक,
वारः मंगलवार।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः श्रवण प्रातः काल 09.42 तक है,
योगः सुकृत प्रातः काल 11.45 तक,
करणः बव,
सूर्य राशिः कन्या, चन्द्र राशिः मकर,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 06.15, सूर्यास्तः 06.09 बजे।