लोक सभा चुनाव से पहले बीजेपी चंडीगढ़ के अध्यक्ष पद बदलना हो सकता है जोखिम भरा

अध्यक्ष पद की दौड़ के चलते सूद ने मिलाया जैन से हाथ -सूत्र

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 26 सितम्बर :

लोकसभा चुनाव को शुरू होने में थोड़ा ही समय बचा है। ऐसे में अध्यक्ष बदलने से समीकरण और तालमेल गड़बड़ा सकता है । प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की कवायत वर्ष की शुरुआत में ही हो जानी चाहिए थी, लेकिन इस पर हाई कमान ने अमल नहीं किया। अब अगर प्रदेश अध्यक्ष को बदल जाता है तो संगठन को खड़ा करने में फिर से अच्छी खासी कसरत करनी पड़ सकती है। सत्ता पक्ष भाजपा की समस्या यह है कि चंडीगढ़ संसदीय सीट से कई उम्मीदवार मैदान में है। इसी तरह अध्यक्ष की दौड़ में भी कई दावेदार मैदान में है। अगर नया अध्यक्ष चुना भी जाता है तो उसके लिए चुनौतियां सामने खड़ी होगी। अगर अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों की बात की जाए तो टंडन खेमे से रविकांत शर्मा और शक्ति देवशाली के नाम शामिल है। इसी तरह से पूर्व संसाद सत्यपाल जैन के करीबी और पूर्व मेयर देवेश मोदगिल अध्यक्ष पद की दावेदारी में है। सूत्रों के अनुसार चंडीगढ़ भाजपा के कार्यकर्ता दबी आवाज़ में यह बातें भी कर रहे हैं कि पूर्व भाजपा अध्यक्ष संजय टण्डन मौजूदा अध्यक्ष अरुण सूद को शुरू से ही पसंद नहीं करते हैं, जिसके चलते अरुण सूद ने पूर्व सांसद सत्यपाल जैन से हाथ मिला लिया है, अब देखना यह होगा कि इस मामले में सत्यपाल जैन अपने चहेते देवेश मोदगिल को सपोर्ट करते हैं या अपने नए साथी अरुण सूद को। यह फैसला सत्यपाल जैन के लिए असमंजस भरा हो सकता है। हालांकि बीच-बीच में धीरेंद्र तायल का नाम भी सामने आता रहा है।

संगठन को चलाने में सूद ही फिलहाल सक्षम
संगठन की अगर वर्तमान स्थिति पर निगाह दौड़ाई जाए तो वर्तमान अध्यक्ष अरुण सूद ही संगठन को चलने में सक्षम। उनके अलावा और कोई उम्मीदवार फिलहाल के हालत में संगठन चलाने में सक्षम नहीं हो पायेगा। अब क्योंकि मेयर चुनाव नजदीक आने वाले हैं, ऐसे में भी प्रदेश अध्यक्ष को बदलना जोखिम भरा फैसला हो सकता है। नगर निगम चुनाव में महज 12 सीट के बाद भी सूद की अगुआई में बीजेपी पिछले दो वर्षो में अपना मेयर बनाने में सफल रही है। नए पार्टी प्रधान के लिए मेयर चुनाव को संभालना भी मुश्किल हो सकता है। जिस तरह से सूद चीजों को मैनेज करते आए हैं, वो काबिलियत अध्यक्ष पद के अन्य उम्मीदवारों में दूर-दूर तक नहीं है। हालांकि, चंडीगढ़ भाजपा में अंदर खाते यह चर्चाएं भी है कि पार्टी के बोहुत से कार्यकर्ता सूद से नाखुश है। ऐसे में चंडीगढ़ में भाजपा का प्रधान कौन होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा।